नयी दिल्ली: वाम समर्थित जेएनयू छात्र संघ ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बॉम्बे) के एक छात्र के लिए न्याय की मांग को लेकर निकाले गए मार्च के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कुछ छात्रों पर हमला किया। हालांकि, एबीवीपी ने इस आरोप से इनकार किया है।
दर्शन सोलंकी के लिए न्याय को लेकर हो रहे कार्यक्रम में हंगामा
एबीवीपी ने वाम समर्थित छात्र संगठनों पर छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘‘अपमान’’ करने का आरोप लगाया। आईआईटी बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी के लिए न्याय की मांग को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। अनुसूचित जाति समुदाय के दर्शन सोलंकी (18) ने छात्रावास की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी।
यह घटना आईआईटी के पवई परिसर में 12 फरवरी को हुई थी। छात्र के परिजनों को संदेह है कि उसकी मौत के मामले में कुछ गड़बड़ है और उन्होंने अरोप लगाया है कि उसे भेदभाव का सामना करना पड़ा था। जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा, ‘‘एबीवीपी ने एक बार फिर छात्रों पर हमला किया है... दर्शन सोलंकी के पिता के आह्वान पर ‘कैंडल मार्च’ के तुरंत बाद हमला किया गया... जातिगत भेदभाव के खिलाफ आंदोलन को पटरी से उतारने के लिए एबीवीपी ने एक बार फिर ऐसा किया है।’’
एबीवीपी का आरोप- शिवाजी की तस्वीर से माला निकाल कर फेंका गया
इस बीच, एबीवीपी ने इस आरोप से इनकार किया और ‘‘वामपंथी समूह’’ पर छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर से एक माला निकालकर फेंकने का आरोप लगाया। छात्र संगठन ने कहा कि उसने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था। एबीवीपी ने एक बयान में कहा, ‘‘कार्यक्रम के तुरंत बाद वामपंथी छात्र वहां आ गए और तस्वीर से माला उतारकर फेंक दी।’’