नई दिल्ली, 28 फरवरीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएमबी) में हुए घोटाले के बाद बुधवार को एक और बैंक घोटाला सामने आया है। देश में पिछले करीब दो सप्ताह के बाद यह घोटाले का यह तीसरा मामला है। इस मामले में 515 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी हुई है, जिसको लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरपी इंफोससिस्टम और उसके निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रोटोमैक पेन के मालिक विक्रम कोठारी, पत्नी साधना, बेटे राहुल और अन्य निदेशकों ने बैंक से लोन लिया और उसे दूसरे मद में खर्च किया। बाद में बैंक ने इस राशि को एनपीए में डाल दिया। इससे पहले कोठारी और उनके परिवार के भारत छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।
वहीं, सबसे बड़ा बैंकिंग सेक्टर का घोटाला पीएनबी का है। सोमवार (26 फरवरी) को हीरा व्यापारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी से संबंधित पीएनबी घोटाला मामले में और 1,300 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसके बाद बैंक को लगी कुल चपत की रकम बढ़कर 12,600 करोड़ रुपये हो गई।
सीबीआई ने 15 फरवरी को मेहुल चौकसी के खिलाफ ताजा एफआईआर दर्ज की थी। मेहुल चौकसी नीरव मोदी का मामा लगता है। मेहुल चौकसी से जुड़ी तीन कंपनियों पर पीएनबी को 143 एलओयूकी मदद से 4886.72 करोड़ रुपये चूना लगाने का आरोप है। सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी एवं अन्य के खिलाफ आठ एलओयू के जरिए 280.70 करोड़ रुपये की जालसाजी का आरोप लगाया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पहले ही देश छोड़ चुके हैं। दोनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी की जा चुकी है।