Vikrant Massey Video: बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है जिसमें वह कैब ड्राइवर से तीखी बहस कर रहे हैं। वीडियो सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटौर रहा है और फैन्स रिएक्ट कर रहे हैं।
वीडियो में विक्रांत कैब में बैठे है और ड्राइवर उनसे 450 रुपये किराया मांग रहा है। मगर विक्रांत किराया देने से इनकार कर देते हैं और दावा करते हैं कि कैब बुक कम रुपये में की गई थी तो कैसे इसकी रकम बढ़ गई। एक्टर पेमेंट करने से इनकार कर देते हैं कि तभी ड्राइवर इसकी वीडियो बनाने लगता है। ड्राइवर वीडियो में कहता है हेलो में अशीष हूं एक कैब ड्राइवर। मैंने अपनी सवारी को उसकी मंजिल पर पहुंचा दिया है लेकिन ये मुझे अब पेमेंट नहीं कर रहा है।
वीडियो के इंटरनेट पर वायरल होने के बाद फैन्स ने इस पर अलग-अलग तरह से रिएक्ट किया। कई यूजर्स ने इसे फेक बताया जबकि कई ने इस पर चिंता व्यक्त की। हालांकि, जल्द ही वीडियो की असलियत सामने आ गई और इससे पर्दा उठ गया।
क्या है वीडियो की असल सच्चाई?
दरअसल, गुरुवार को साझा की गई क्लिप में बताया गया कि यह सब सिर्फ राइड-हेलिंग ऐप इनड्राइव के विज्ञापन अभियान का हिस्सा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्रांत को "एक साल के विज्ञापन अभियान के लिए इनड्राइव का ब्रांड एंबेसडर" नियुक्त किया गया है। अगर आप विज्ञापन देखने से चूक गए हैं, तो यह एक सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड करने वाले कैब ड्राइवर के सामने खुलता है। वह कहते हैं, ''मेरा नाम आशीष है, मैं एक कैब ड्राइवर हूं, मैंने अपने पैसेंजर को उनके लोकेशन पर पहुंचाया है। और वो पैसे नहीं दे रहे हैं। बहस बाजी लग रही है, उल्टा गाली गलोच कर रहे हैं।
फिर, ड्राइवर कैमरे की ओर जाता है और हमें विक्रांत मैसी दिखाई देते हैं। ड्राइवर की बात सुनकर एक्टर पूछते हैं, ''गाली गालोच कर रहे हो? कैमरा क्यों निकाल दिया भाई? धमाका कर रहे हो तुम? जयाज बात ही तो कर रहा हूं ना मैं? ये अचानक से पैसे कैसे बिगड़ गए? ये नहीं चलेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वीडियो राइड-हेलिंग ऐप इनड्राइव के अभियान का हिस्सा है, जिसका शीर्षक है - "अब ऐप की नहीं, आप की चलेगी"। एक कार्यक्रम में अभियान के बारे में बात करते हुए, विक्रांत मैसी ने कहा, “मैं उनके ब्रांड एंबेसडर के रूप में इनड्राइव इंडिया के अभियान का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं। मैं उस सेवा की सराहना करता हूं जो इनड्राइव अपने सवारियों और ड्राइवरों को प्रदान करता है। इनड्राइव निष्पक्ष है, जहां ऐप के बजाय लोग आपस में किराया तय करते हैं।"
इससे साफ है कि यह वीडियो असल लड़ाई का नहीं था बल्कि एक विज्ञापन था। विक्रांत मेसी के वर्कफ्रंट की बात करें तो विक्रांत मैसी आखिरी बार 12वीं फेल में नजर आए थे। विधु विनोद चोपड़ा निर्देशित इस फिल्म को प्रशंसकों और आलोचकों ने समान रूप से पसंद किया था। आगे, विक्रांत को यार जिगरी, सेक्टर 36, फिर आई हसीं दिलरुबा और द साबरमती रिपोर्ट जैसी परियोजनाओं में दिखाई देना है।