अहमदाबाद: अहमदाबाद के स्कूलों में बम धमकी मामले में पाकिस्तान का लिंक सामने आया है। अपराध शाखा ने गुजरात के अहमदाबाद में कम से कम 14 स्कूलों को निशाना बनाने वाली धमकियों के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया है। धमकी भरे ईमेल 6 मई को प्राप्त हुए थे। इसके ठीक एक दिन बाद 7 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात मतदान के लिए पहुंचे थे।
शुरुआती जांच में ये सामने आया था कि जिन इमेल आईडी से धमकी आई थी उनका डोमेन रूसी था। ईमेल पते "tauheedl@mail.ru" से इस बात का पता चला। आगे की जांच में पाया गया कि पाकिस्तान में एक सैन्य छावनी से भी कुछ मेल भेजे गए थे। अहमदाबाद अपराध शाखा के जेसीपी शरद सिंघल ने ये जानकारी दी।
जांच में पाया गया कि पाकिस्तान से ये मेल तोहिक लियाकत नाम के एक व्यक्ति ने भेजा था। ये अहमद जावेद के नाम से पाकिस्तान से काम कर रहा था। एक अन्य एजेंसी की जांच में भी उसके संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि हुई। अहमदाबाद पुलिस ने बम की धमकियों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी थी लेकिन पाया गया कि ये महज अफवाह थीं। पुलिस ने लक्षित स्कूलों में जांच की। किसी भी स्थान पर कोई संदिग्ध या विस्फोटक नहीं मिला।
अहमदाबाद से पहले 1 मई को दिल्ली के 131 स्कूलों को भी इसी तरह धमकी भरे ईमेल मिले थे। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर के ईमेल को अफवाह फैलाने वाला कहा था और जनता से नहीं घबराने की अपील की गई।
हालांकि इस मामले को दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से लिया। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 150 से ज्यादा स्कूलों को ई-मेल भेजकर उनके यहां बम होने की झूठी जानकारी देने के मामले में इंटरपोल के जरिए सूचना हासिल करने के वास्ते केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पत्र लिखा है। सीबीआई को भारत का राष्ट्रीय केन्द्रीय ब्यूरो भी कहा जाता है और इसे इंटरपोल इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। यह इंटरपोल के साथ सभी संवाद और समन्वय के लिए जिम्मेदार है।
सीबीआई दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी इंटरपोल को भेज सकती है और फिर इंटरपोल इसे सभी सदस्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजेगा। दिल्ली पुलिस ई-मेल भेजने के लिए इस्तेमाल किए गए आईपी एड्रेस के अलावा ई-मेल के प्रेषक और स्रोत की भी जांच कर रही है ताकि इस झूठी धमकी देने के पीछे की साजिश और मकसद का पता लगाया जा सके।