Bihar LS polls 2024: बिहार में 40 लोकसभा चुनाव सीटों पर सियासी घमासान की तैयारी तेज हो गई है। राज्य में 7 चरणों में होने वाले मतदान में जिन 4 सीटों पर पहले फेज में मतदान होना होना है, वहां उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया गया है। पहले चरण के तहत जमुई, गया, नवादा और औरंगाबाद सीट पर मुकाबला होना है। महागठबंधन में सीटों को लेकर जारी माथापच्ची के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सीट बंटवारे का इंतजार किए बिना ही पहले चरण की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। वहीं एनडीए खेमे में पहले की चार सीटों में से दो भाजपा को मिली है, जबकि एक सीट जीतन राम मांझी और एक सीट चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के हिस्से में गई है। गया सीट से हम प्रमुख जीतन राम मांझी खुद चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
वहीं, जमुई से चिराग पासवान ने इस बार अपने बहनोई अरुण भारती को टिकट दिया है। एनडीए ने चारों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जमुई, औरंगाबाद, नवादा और गया की सीट पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा। एनडीए के द्वारा और महागठबंधन की ओर से राजद के द्वारा इन सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारे जाने के बाद अब यह तय हो गया है कि पहले चरण में राजद और एनडीए उम्मीदवारों के बीच टक्कर होना है। राजद ने गया सीट पर कुमार सर्वजीत को उम्मीदवार बनाया है जो नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
वहीं एनडीए की ओर से हम पार्टी के प्रत्याशी जीतन राम मांझी हैं। वर्ष 2004 में इस सीट से राजद के प्रत्याशी राजेश मांझी जीते थे। उसके बाद 2009 और 2014 में भाजपा के हरि मांझी तो 2019 के चुनाव में जदयू के विजय मांझी जीते थे। इस बार एनडीए के जीतन राम मांझी और महागठबंधन से राजद के कुमार सर्वजीत के बीच टक्कर होना है।
उसी तरह नवादा सीट पर 2004 में ही अंतिम बार राजद की जीत हुई थी। उसके बाद 2009 में भाजपा से भोला सिंह जीते तो वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने जीत दर्ज की थी। जबकि 2019 में लोजपा के प्रत्याशी रहे चंदन सिंह ने एनडीए के लिए जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा ने विवेक ठाकुर को तो राजद ने श्रवण कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वहीं, जमुई लोकसभा सीट से लोजपा (रा) ने अरुण भारती को उम्मीदवार बनाया है। जबकि राजद ने अर्चना रविदास को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर जदयू उम्मीदवार भूदेव चौधरी जीते थे। उसके बाद 2014 और 2019 में चिराग पासवान यहां से जीतकर सांसद बने।
अब लोजपा (रा) और राजद के बीच इस बार टक्कर होगी। वहीं, औरंगाबाद लोकसभा सीट से राजद ने अभय कुशवाहा को मैदान में उतारा है। अभय कुशवाहा जदयू से राजद में आए हैं। 2004 के चुनाव में कांग्रेस के निखिल कुमार ने जीत दर्ज की थी। लेकिन 2009 के बाद से सुशील कुमार सिंह इस सीट पर चुनाव जीतते आए हैं।
पहले जदयू और फिर भाजपा उम्मीदवार बनकर वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। इस बार भी भाजपा ने सुशील कुमार सिंह को ही मैदान में उतारा हैं। ऐसे में उनकी सीधी टक्कर राजद उम्मीदवार अभय कुशवाहा से होनी तय है। हालांकि निखिल कुमार इस सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाए हुए हैं। लेकिन अब वक्त काफी कम बचा है और नामांकन की आखिरी तारीख 28 मार्च है। ऐसे में अब उनके मैदान में आने की संभावना नहीं के बराबर है।