नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता रहे अरुण जेटली (Arun Jaitley) की आज पहली पुण्यतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें याद किया है। पीएम मोदी ने जेटली की शोक सभा में दिया गया अपना भाषण ट्विटर पर शेयर किया। बता दें, बीती साल 24 अगस्त को 66 वर्ष की उम्र में अरुण जेटली का एम्स अस्पताल में निधन हो गया था।
पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'इस दिन पिछले साल हमने श्री अरुण जेटली जी को खो दिया था। मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है। अरुण जी ने लगन से भारत की सेवा की। उनकी वाक्-पटुता, बुद्धि, कानूनी कौशल और ऊर्जावान व्यक्तित्व महान था।'
जेपी नड्डा ने कहा, 'प्रखर नेता, विचारक, पद्म भूषण से सम्मानित पूर्व वित्त मंत्री स्व. श्री अरुण जेटली जी की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें शत् शत् नमन। राष्ट्र निर्माण में उनकी जनकल्याणकारी नीतियों एवं योजनाओं का अप्रतिम योगदान सदैव याद किया जाएगा।'
अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को हुआ था। अगर अरुण जेटली के राजनीति करियर की बात की जाए तो उनके छात्र रहते ही शुरू हो गया था। दरअसल, 1973 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने 'संपूर्ण क्रांति आंदोलन' शुरू किया। इस आंदोलन में विद्यार्थी और युवा संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने अधिक से अधिक छात्रों को आंदोलन से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय समिति बनाई। जेपी ने जेटली को इस राष्ट्रीय समिति का संयोजक बनाया। आपातकाल के वक्त 19 महीने रहे नजरबंद जेटली वर्ष 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष बने।
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कैबिनेट में जेटली को सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके अलावा निर्गुण राज्य (स्वतंत्र प्रभार), विश्व व्यापार संगठन मंत्रालय की जिम्मेदारी भी जेटली को सौंपी गई थी। 23 जुलाई 2000 को राम जेठमलानी ने अटल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी अटल ने जेटली को सौंपी।
जेटली को राज्यसभा से सांसद बनाया गया था और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनका पद सुरिक्षत हो गया था। नोटबंदी और जीएसटी में निभाई अहम भूमिका मई 2014 में जेटली राज्यसभा में सदन के नेता बने थे। कुछ समय बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बना दिया था और तबसे जेटली ने देश के वित्त मंत्री का पद संभाला था। नोटबंदी से लेकर जीएसटी लागू करने में जेटली की अहम भूमिका रही थी।