मुंबईः बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप का अपने एक हालिया ट्वीट में बचाव किया है। उन्होंने कहा कि मनीष कश्यप ने हमेशा बिहार के लोगों के भले के लिए ही आवाज उठाई। सोनू सूद ने जोर देकर ट्वीट में यह बात कही कि मैं यकीन से कह सकता हूँ कि वो देशहित के लिए ही लड़ा है।
सोनू सूद ने ट्वीट किया- जितना भी मैं मनीष कश्यप को जानता हूँ उसने हमेशा बिहार के लोगों के भले के लिए ही आवाज उठाई है। हो सकता है उस से कुछ गलती भी हुई हो। पर यह बात मैं यकीन से कह सकता हूँ कि वो देशहित के लिए ही लड़ा है। न्याय और कानून से ऊपर हमारे देश में कुछ नहीं। जो भी होगा सही ही होगा।
गौरतलब है कि मनीष कश्यप को दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में प्रवासी कामगारों पर कथित हमले के फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मनीष कश्यप का पक्ष लेने को लेकर ट्विटर यूजर्स सोनू सूद पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा- डिलीट करोगे या अफसोस करोगे? मगर असल सवाल है कब करोगे। एक अन्य ने लिखा- लिखा तो है कि 'जितना मैं जानता हूं', मतलब ये है कि जानते ही नहीं। इसके साथ एक यूजर ने सोनू सूद का समर्थन करते हुए कहा, मनीष कश्यप की लड़ाई कानून और सरकार से नहीं है , उसकी लड़ाई एक ऐसे इको सिस्टम से है जो हर तरीके से सबल और सक्षम है! आज एक साधारण घर के बच्चे का कैरियर समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है और समाज के सक्षम लोग मूकदर्शक बने हुए हैं।
वहीं पत्रकार मोहम्मद जुबैर ने सोनू सूद के पोस्ट पर टिप्पणी की- क्या आप मनीष कश्यप की मुसलमान के प्रति इस नफरत को भी जानते हैं? क्या इसी तरह अपने अंदर का ज़हर उगलने को ' देशहित के लिये लड़ा है' कहते है? नीचे ट्वीट्स को पढ़ने के बाद, अगर आपको अभी भी उसे समर्थन करने का मन करता है क्योंकि उसने आपके इंटरव्यू लिए हैं, तो जरूर सपोर्ट करें।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को यूट्यूबर की याचिका पर तमिलनाडु और बिहार से जवाब मांगा है। यूट्यूबर ने अपने खिलाफ दर्ज पांच प्राथमिकियों को एक साथ नत्थी करने का अनुरोध किया है। न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने केंद्र, तमिलनाडु और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया तथा यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। कश्यप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दो राज्यों में पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उन्होंने पत्रकार अर्नब गोस्वामी के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि किसी एक अपराध को लेकर कई कार्यवाही नहीं की जा सकती।