लाइव न्यूज़ :

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः नाटो का विस्तार और भारत की भूमिका

By वेद प्रताप वैदिक | Published: May 14, 2022 2:56 PM

यूक्रेन की तरह फिनलैंड भी रूसी साम्राज्य का हिस्सा रहा है। सेंट पीटर्सबर्ग से मास्को जितनी दूर है, उससे भी कम दूरी (400 किमी) पर फिनलैंड है। द्वितीय महायुद्ध के बाद फिनलैंड तटस्थ हो गया लेकिन स्वीडन तो पिछले 200 साल से किसी भी सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं हुआ।

Open in App

‘नाटो’ नामक सैन्य संगठन में अब यूरोप के दो नए देश भी जुड़ने वाले हैं। ये हैं- फिनलैंड और स्वीडन। इस तरह 1949 में अमेरिका की पहल पर बने 15 देशों के इस संगठन के अब 32 सदस्य हो जाएंगे। यूरोप के लगभग सभी महत्वपूर्ण देश इस सैन्य संगठन में एक के बाद एक शामिल होते गए क्योंकि शीतयुद्ध के जमाने में उन्हें सोवियत संघ से अपनी सुरक्षा चाहिए थी और सोवियत संघ के खत्म होने के बाद उन्हें स्वयं को संपन्न करना था। फिनलैंड, स्वीडन और स्विट्‌जरलैंड जानबूझकर सैनिक गुटबंदियों से अलग रहे लेकिन यूक्रेन पर हुए रूसी हमले ने इन देशों में भी बड़ा डर पैदा कर दिया है। फिनलैंड तो इसलिए भी डर गया है कि रूस के साथ उसकी सीमा 1340 किमी की है।  

यूक्रेन की तरह फिनलैंड भी रूसी साम्राज्य का हिस्सा रहा है। सेंट पीटर्सबर्ग से मास्को जितनी दूर है, उससे भी कम दूरी (400 किमी) पर फिनलैंड है। द्वितीय महायुद्ध के बाद फिनलैंड तटस्थ हो गया लेकिन स्वीडन तो पिछले 200 साल से किसी भी सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं हुआ। अब ये दोनों देश नाटो में शामिल होना चाहते हैं, यह रूस के लिए बड़ा धक्का है। उधर दक्षिण कोरिया भी चौगुटे (क्वाड) में शामिल होना चाह रहा है। ये घटनाएं संकेत दे रही हैं-नई वैश्विक गुटबाजी का! रूस और चीन मिलकर अमेरिका को टक्कर देना चाहते हैं और अमेरिका उनके विरुद्ध सारी दुनिया को अपनी छतरी के नीचे लाना चाहता है। नाटो के महासचिव ने इन दोनों देशों का स्वागत किया है लेकिन मास्को ने काफी सख्त प्रतिक्रिया दी है। रूस ने धमकी दी है कि वह फिनलैंड को गैस की सप्लाई बंद कर देगा। वह बाल्टिक समुद्र के तट पर परमाणु प्रक्षेपास्त्र तैनात करने की भी तैयारी करेगा। ऐसा लगता है कि अब विश्व राजनीति फिर से दो गुटों में बंटने वाली है। भारत को अपने कदम फूंक-फूंककर रखने होंगे। भारतीय विदेश नीति को अपना ध्यान दक्षिण और मध्य एशिया के पड़ोसी देशों पर केंद्रित करना होगा। इन देशों को गुटीय राजनीति में फिसलने से बचाना भारत का लक्ष्य होना चाहिए।  

टॅग्स :Finlandस्वीडनरूसयूक्रेनUkraine
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वभारतीय चुनावों में हस्तक्षेप के रूसी आरोपों को अमेरिका ने किया खारिज, जानें क्या कहा

कारोबारजयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: भारत के रिकॉर्ड निर्यात परिदृश्य पर नई चुनौतियां

विश्वरूस का दावा- भारतीय आम चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहा अमेरिका, देखें वीडियो

विश्वरूस ने गुरपतवंत पन्नू की हत्या की 'साजिश' में भारत की संलिप्तता के अमेरिकी दावों की निंदा की, कही ये बात

विश्वVladimir Putin Takes Oath: पुतिन ने रूसी राष्ट्रपति के रूप में पांचवां कार्यकाल शुरू किया, 2030 तक सत्ता में बने रहेंगे, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतअपने बेटे-बेटी और पिता के लिए मैदान में पसीना बहा रहे दिग्गज, चुनावी मैदान में प्रतिष्ठा दांव पर लगी

भारतअरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा, सीधे पहुंचे सीएम आवास, कल का पूरा कार्यक्रम बताया

भारतBrij Bhushan Singh: डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय, पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का मामला, ये धाराएं लगीं

भारतDelhi excise policy case: सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, दिल्ली आबकारी नीति केस में कब क्या-क्या हुआ, जानें 22 घटनाक्रम

भारतSupreme Court On Arvind Kejriwal: 'उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था' अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा