विधानसभा में केजरीवाल ने फाड़ी कृषि कानूनों की कॉपीकेंद्र सरकार (Central Govt) के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं (Delhi Border) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 21वें दिन भी जारी है। कानूनों का विरोध करते हुए दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के विशेष सत्र के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM) व आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ दी। आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल (Mahendra Goel) ने भी कृषि कानून की प्रतिया फाड़ीं। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा (Sanjeev Jha) ने कहा कि आज देखेंगे कि दिल्ली पृथ्वीराज चौहान के साथ है या फिर जयचंदों के साथ है। दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम में हुए कथित घोटाले को लेकर एक दिन का विशेष सत्र बुलाया है। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान किसान आंदोलन को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों का यह गुस्सा देखने को मिला है। लगाया जय जवान-जय किसान का नाराविधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक कृषि कानूनों का विरोध करते हुए नजर आए। सदन में किसानों के समर्थन में नारेबाजी भी हुई। किसानों के समर्थन में बात करते हुए दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं। आप विधायक महेंद्र गोयल ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा लगाते हुए किसानों का समर्थन किया। अपने मुख्यमंत्री केजरीवाल के सामने विधायक महेंद्र गोयल ने कहा कि कृषि बिल को निरस्त कर फाड़कर फेंक देना चाहिए। इतना कहते ही उन्होंने भी दिल्ली विधानसभा में केंद्रीय कृषि कानूनों की प्रति को फाड़ दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते आ रहे हैं।विधानसभा सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने कहा कि ये बहुत खतरनाक कानून हैं। इसके जरिए किसानों से किसानी छिनी जा रही है। उन्होंने कहा, ''आप कानून थोप रहे हैं। आखिर सरकार की कौन सी मजबूरी थी कि कोरोना के समय मे ऑर्डिनेंस लाकर बिला पास करना पड़ा। आज जरूरत पड़ेगी सरकार को तो संविधान को ताक पर रखकर आपके कानूनी अधिकार को छीन लिया जायेगा।'' संजीव झा ने कहा कि 6 दौर की वार्ता भी किसानों को समझाने में विफल रही है। किसान सब समझता है कि उसका फायदा कहां है। आज देखना है कि हम सब लोग, यह सदन, यह देश और दिल्ली पृथ्वीराज चौहान के साथ है या जयचंद के साथ।