Champai Soren Oath Ceremony Live:झारखंड में राजनीति बदलाव तेजी से बदल रहा है। जेएमएम प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच चंपई सोरेन ने नए मुख्यमंत्री की शपथ ली। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल राधाकृष्णन ने देर रात के घटनाक्रम में झामुमो नेता हेमंत सोरेन के वफादार चंपई को सरकार बनाने के लिए राजभवन में आमंत्रित किया था। चंपई सोरेन को अगले 10 दिनों के भीतर होने वाले फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित करने के लिए भी कहा गया है। चंपई सोरेन हेमंत की जगह लेंगे, जिन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 2 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
कांग्रेस राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन की सहयोगी पार्टी है। आदिवासी नेता चंपई सोरेन (67) राज्य के 12वें मुख्यमंत्री होंगे। वह झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से छठे मुख्यमंत्री होंगे। कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले हैं। झामुमो नीत गठबंधन में राजद भी शामिल है।
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 47 विधायक हैं। इनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद के 1 सदस्य शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 26 और आजसू पार्टी के तीन विधायक हैं। इसके अलावा दो सदस्य निर्दलीय हैं और राकांपा तथा भाकपा (माले) के एक-एक विधायक हैं।
अलग राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई में अपने योगदान के कारण कहे जाते हैं ‘झारखंड टाइगर’
झारखंड में सरायकेला-खरसांवा जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में कभी अपने पिता के साथ खेतों में हल चलाने वाले चंपई सोरेन राजनीति में एक लंबा सफर तय कर राज्य के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं। अलग राज्य के लिए 1990 के दशक में चले लंबे आंदोलन में अपने योगदान को लेकर चंपई (67) ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाने जाते हैं।
बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर वर्ष 2000 में झारखंड का गठन किया गया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख शिबू सोरेन के वफादार माने जाने वाले चंपई, धन शोधन के एक मामले में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और फिर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें गिरफ्तार किये जाने के बाद झामुमो विधायक दल के नेता चुने गए।
मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की बागडोर संभालने वाले चंपई सातवें व्यक्ति हैं। उनसे पहले बाबूलाल मरांड़ी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, रघुवर दास और हेमंत सोरेन झाऱखंड के मुख्यमंत्री रहे। शिबू सोरेन और उनके बेटे हेमंत के बाद झामुमो से मुख्यमंत्री बनने वाले वह तीसरे नेता हैं। चंपई ने झामुमो विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद कहा, ‘‘मैं अपने पिता (सिमल सोरेन) के साथ खेतों में काम किया करता था...अब किस्मत ने मुझे एक अलग भूमिका निभाने का मौका दिया है।’’
सरकारी स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई करने वाले चंपई की शादी काफी कम उम्र में ही हो गई थी। उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं। उन्होंने 1991 में सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने जाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की। इसके चार साल बाद उन्होंने झामुमो के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार पंचू टुडू को हराया था।
वहीं, 2000 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट पर वह भाजपा के अनंत राम टुडू से हार गए। उन्होंने 2005 में, भाजपा उम्मीदवार को 880 मतों के अंतर से शिकस्त देकर इस सीट पर फिर से अपना कब्जा जमा लिया। चंपई ने 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी जीत हासिल की।
वह सितंबर 2010 से जनवरी 2013 के बीच अर्जुन मुंडा नीत भाजपा-झामुमो गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। हेमंत सोरेन ने 2019 में राज्य में जब दूसरी बार सरकार बनाई, तब चंपई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और परिवहन मंत्री बनाये गए।