मुंबई: महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री और डिप्टी सीएम अजित पवार की पार्टी एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने इस बात को स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव में जनता का झुकाव उद्धव ठाकरे और शरद पवार के पक्ष में है और महाराष्ट्र में दोनों नेताओं के पक्ष "सहानुभूति की लहर" है।
भुजबल ने परोक्ष तौर पर इस बात को भी माना कि उद्धव और शरद की पार्टियों को कथित तौर पर भाजपा द्वारा तोड़े जाने से ऐसी स्थिति पैदा हुई है।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी को दिये इंटरव्यू में भुजबल ने कहा, ''मेरा मानना है कि उनके पक्ष में सहानुभूति लहर है। जिस तरह से उद्धव ठाकरे की शिवसेना विभाजित हुई और फिर एनसीपी के बड़े हिस्से ने शरद पवार के खिलाफ जाकर पाला बदल लिया। उसी का परिणाम है कि शरद और उद्धव के पक्ष में सहानभूति की लहर है और यह उनकी रैलियों में भी दिखाई दे रहा है।”
हालांकि, इस सनसनीखेज बयान देने के बावजूद छगन भुजबल ने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र समेत पूरे देश में लोगों का भरोसा अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बना हुआ है और वे चाहते हैं कि वह मौजूदा लोकसभा चुनाव पीएम मोदी जीतें और केंद्र में लगातार तीसरी बार "मजबूत सरकार" बनाएं।
भुजबल राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी खेमे का हिस्सा हैं। एनसीपी की स्थापना 1999 में अजित पवार के चाचा शरद ने की थी, जिनके गुट को अब एनसीपी (शरद चंद्र पवार) कहा जाता है।
इसी तरह 1966 में उद्धव ठाकरे के पिता बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना अब नये नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नाम से जानी जाती है और शिवसेना का दूसरा समूह, जिसे निर्वाचन आयोग द्वारा मूल शिवसेना कहा गया, उसका नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।
चुनाव आयोग शिंदे की सेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी समूह को "असली" शिवसेना और एनसीपी के रूप में मान्यता दी है। शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन बनाकर महाराष्ट्र के शासन पर काबिज हैं। दूसरी ओर विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद गुट) हैं।
इस बीच भुजबल ने शरद पवार के गढ़ बारामती लोकसभा क्षेत्र में मुकाबले के बारे में भी बात की। जहां से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती से मौजूदा लोकसभा प्रतिनिधि हैं और इस सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं।
उन्होंने कहा, “मेरे लिए भी यह दुखद है कि जो लोग इतने सालों तक एक ही घर में साथ रहते हैं। आज जो भी हो रहा है, वह कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। गलती किसकी है ये अलग बात है लेकिन अच्छा हुआ होता कि अगर ऐसा नहीं हुआ होता।''