ज्यूरिख: स्विट्जरलैंड की संसद ने बीते बुधवार को तटस्थ देश में चरमपंथी प्रतीकों पर कार्रवाई के तहत नाजियों के स्वस्तिक प्रतीक पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार बढ़ती यहूदी विरोधी भावना के बारे में चिंताओं के बाद संसद के निचले सदन ने एडॉल्फ हिटलर के राष्ट्रीय समाजवादी शासन के सबसे कुख्यात प्रतीकों में से एक पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किया।
पिछले महीने की एक रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर को इज़राइल में हमास द्वारा किए गए हमलों और गाजा में इस्लामी समूह के खिलाफ इजरायली सरकार की प्रतिक्रिया के बाद से स्विट्जरलैंड में यहूदी विरोधी घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।
इस संबंध में न्याय मंत्री बीट जान्स ने संसद को बताया, "नस्लीय भेदभावपूर्ण, हिंसक, चरमपंथी और विशेष रूप से राष्ट्रीय समाजवादी प्रतीकों का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और इन्हें सार्वजनिक रूप से इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।"
स्विट्जरलैंड के निचले सदन के कानूनी आयोग ने प्रतिबंध को शीघ्र लागू करने की सिफारिश की, जिसे स्विस उच्च सदन पहले ही मंजूरी दे चुका है। कैबिनेट को अब ऐसे कानून का मसौदा तैयार करना चाहिए जो नस्लवादी, हिंसक या चरमपंथी प्रतीकों को पहनना, सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना या फैलाना अवैध बना दे।
बताया जा रहा है कि यह प्रतिबंध प्रचार सामग्री, इशारों, नारों और झंडों तक फैला होगा। इसके बाद मसौदा कानून को संसद के दोनों सदनों द्वारा अंतिम मंजूरी की आवश्यकता होगी।
ग्रीन्स विधायक राफेल माहिम ने कहा, “आज से स्विट्जरलैंड में आपकी बालकनी पर स्वस्तिक वाला झंडा प्रदर्शित करना संभव नहीं होगा अब आपकी कार की विंडशील्ड पर नाजी का झंडा लगाना असंभव हो जाएगा।"