आगामी बिहार चुनाव की आहट बिहार विधानसभा में भी दिख रही है। पिछले दो दिनों में एनपीआर, एनआरसी और जातिगत जनगणना को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुए हैं। बिहार में गुरुवार (27 फरवरी) को जातिगत जनगणना को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ। विपक्षी दल आरजेडी लगातार जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठा रही थी।
प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने ट्वीट किया, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी के अनवरत अथक प्रयासों से फिर बिहार विधानसभा से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास कराया गया। अब मोदी सरकार जातिगत जनगणना करवाए। भाजपा की बहानेबाज़ी अब नहीं चलेगी। वंचित वर्गों को अब गुमराह नहीं कर सकते। इस ट्वीट को तेजस्वी यादव ने रिट्वीट भी किया।
हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय @laluprasadrjd जी, नेता प्रतिपक्ष @yadavtejashwi जी के अनवरत अथक प्रयासों से फिर बिहार विधानसभा से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास कराया गया।अब मोदी सरकार जातिगत जनगणना करवाए। भाजपा की बहानेबाज़ी अब नहीं चलेगी। वंचित वर्गों को अब गुमराह नहीं कर सकते।— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) February 27, 2020
बिहार विधानसभा ने एनपीआर-एनआरसी को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया
इससे पहले बुधवार (26 फरवरी) को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया 2010 में अंकित कॉलम के अनुसार करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया है। साथ ही नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के विरोध प्रस्ताव पारित किया है। सभी दलों ने एक मत से कहा कि बिहार में एनआरसी की कोई आवश्यकता नहीं है।
नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात चर्चा में
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को करीब 20 मिनट मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद फिर से चर्चा चल पड़ी कि नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं। हालांकि बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा है कि एनआरसी, एनपीआर पर राज्य सरकार ने सही रुख अपनाया है लेकिन अभी महागठबंधन में नीतीश कुमार के शामिल होने की बात नहीं है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस ने महागठबंधन के बैनर तले मिलकर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में आरजेडी ने 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली थी। चुनाव के बाद महागठबंधन सरकार में नीतीश कुमार सीएम बने जबकि तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने। हालांकि महागठबंधन की सरकार दो साल भी नहीं चल पाई और नीतीश कुमार ने बीजेपी से दोबारा हाथ मिला लिया।