जम्मू: जम्मू-कश्मीर में एलओसी से सटे इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए अगले कुछ दिन परेशानी और दहशत से भरे हो सकते हैं। ऐसा पाकिस्तानी सेना द्वारा सीमा पर जहां तहां रूके आतंकियों को इस ओर धकेलने की कोशिश में गोलाबारी कर रही है। हैवी फायरिंग से पाक फौज भारतीय सेना को भी रोकने की कवायद में जुटी हैं।
दरअसल पाक सेना बर्फबारी से पहले ही आतंकियों को धकेलने को उतावली है क्योंकि बर्फबारी के बाद घुसपैठ के रास्ते बंद हो जाते हैं। इस दहशत के पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि पाक सेना एक बार फिर घुसपैठ के लिए कवर फायर की नीति अपनाने लगी है। यह उरी में दो दिन पहले साफ हो चुका है।
हालांकि इसके प्रति सिर्फ अनुमान ही है कि एलओसी के पार पाक कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंकवाद का प्रशिक्षण देने वाले कैम्पों में कितने आतंकी प्रशिक्षण ले रहे हैं और कितने इस ओर आने को तैयार बैठे हैं। घुसपैठ में कामयाब होने पर यही आतंकी कश्मीर के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं।
यही कारण है कि सेना घुसपैठ रोकने की खातिर कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। सेना की नार्दन कमान के प्रवक्ता दावा करते हैं कि एलओसी पर सभी लूप होलों को बंद करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल एलओसी की स्थिति ऐसी है कि चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात करने के बावजूद घुसपैठियों को रोक पाना संभव नहीं हो सकता। जबकि सेना आप इसे मानती है कि एलओसी पर तारबंदी उतनी कामयाब नहीं हो पाई है जितनी प्रभावी वह इंटरनेशनल बार्डर पर है।
एलओसी पर तारबंदी की हालत यह है कि हर साल बर्फबारी के बाद वह क्षतिग्रस्त हो जाती है और उसकी मुरम्मत का कार्य कठिन होने के कारण कई स्थानों पर कई कई महीनों तक वह क्षतिग्रस्त ही रहती है। इन्हीं परिस्थितियों का लाभ पाक सेना उठाने की कोशिश में है। वह घुसपैठ के परंपरागत रास्तों को छोड़ कर अब दुर्गम और नए रास्तों का इस्तेमाल कर भारतीय सेना की परेशानियां बढ़ा रही है।
इसी प्रकार की परेशानी एलओसी से सटे इलाकों में रहने वाले सीमावासियों की इसलिए बढ़ रही है क्योंकि पाक सेना घुसपैठ की खातिर कवरिंग फायर की नीति का इस्तेमाल करने से नहीं चुकती है और इस ओर से भी जब जवाबी कार्रवाई होती है तो गोलों और गोलियों का शिकार सीमावासी ही बनते हैं चाहे वे इस ओर के इलाके में रहते हों या फिर एलओसी के पार।
यही कारण था कि एलओसी के बनते-बिगड़ते हालात के चलते सीमावासी परेशान हैं क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां यह कह कर उन्हें हमेशा दहशतजदा करती रही हैं कि एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास घमासान हो सकते हैं। जबकि पाक सेना की कवर फायर वाली रणनीति अब सीजफायर पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने लगी है।