लाइव न्यूज़ :

DRDO ने नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया, हवा में ही नष्ट हो जाएगा दुश्मन का हथियार

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 12, 2024 3:59 PM

आकाश-एनजी प्रणाली एक अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली है जो तेज गति से आती दुश्मन की मिसाइल, ड्रोन, या लड़ाकू विमान को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम है।

Open in App
ठळक मुद्देDRDO ने नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण कियाअपने मानवरहित हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्क भेद दियादुश्मन की मिसाइल, ड्रोन, या लड़ाकू विमान को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम है

नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर से नई पीढ़ी की आकाश (AKASH-NG) मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। ये परीक्षण  12 जनवरी, शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे किया गया। इस परीक्षण की खास बात रही कि मिसाइल ने बेहद कम ऊंचाई पर उड़ रहे अपने मानवरहित हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्क भेद दिया। 

आकाश (AKASH-NG) मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अधिकारियों ने कहा,  "इससे स्वदेशी रूप से डेवलप रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार व कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ मिसाइल से लैस कंप्लीट वेपन सिस्टम के कामकाज को मान्यता मिली है।"

मिसाइल के प्रदर्शन का डेटा आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात कई रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा कैप्चर किया गया। इस डेटा के अध्ययन में भी ये बात साबित हुई कि मिसाइल सभी मापदंडो पर खरी उतरी। उड़ान परीक्षण को डीआरडीओ, भारतीय वायु सेना (आईएएफ), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल), और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा। 

बता दें कि आकाश-एनजी प्रणाली एक अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली है जो तेज गति से आती दुश्मन की मिसाइल, ड्रोन, या लड़ाकू विमान को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम   है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सफल फ्लाइट टेस्ट के लिए डीआरडीओ, आईएएफ, पीएसयू और इंडस्ट्री की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सिस्टम के सफल विकास से देश की वायु रक्षा क्षमताओं में और बढ़ोतरी होगी।

बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान ने हाल ही में अपने स्वदेशी लंबी दूरी के सटीक मारक हथियार, फतह-2 मिसाइल का परीक्षण किया है। करीब 400 किमी तक मार करने की प्रभावशाली रेंज वाली इस मिसाइल सिस्टम को पाकिस्तान ने भारत को ध्यान में रखकर ही विकसित किया है। इस मिसाइल प्रणाली को सैटेलाइट से जोड़ा गया है, जिससे इसका नेविगेशन सिस्टम और भी ज्यादा सटीक हो जाता है। ऐसे में भारत के लिए ये जरूरी हो गया था कि उसके पास  आकाश (AKASH-NG) जैसी मिसाइल रोधी प्रणाली हो। हालांकि भारत ने पहले से ही रूस से मिले एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम को सीमा पर तैनात कर रखा है।

टॅग्स :DefensemissileडीआरडीओDRDO
Open in App

संबंधित खबरें

भारतJob vacancy: युवाओं के लिए भारतीय नौसेना में शामिल होने का मौका, अग्निवीर योजना के तहत आई वैकेंसी, जानें आवेदन की प्रक्रिया

विश्वRussia-Ukraine war: यूक्रेन को SAMP/T एयर डिफेंस सिस्टम देने जा रहा है इटली, प्रधानमंत्री मेलोनी जी7 सम्मेलन के दौरान करेंगी घोषणा

भारतभारतीय वायुसेना को दूसरा C-295 परिवहन विमान मिला, कुल 56 ऐसे विमान होंगे बेड़े में शामिल

भारतMost Powerful Weapons: ये हैं दुनिया के सबसे घातक और शक्तिशाली हथियार, मिनटों में मचा सकते हैं तबाही, देखिए लिस्ट

भारतSupersonic Missile SMART: ‘सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो’ का सफल परीक्षण, जानें खासियत और रेंज

भारत अधिक खबरें

भारतअपने बेटे-बेटी और पिता के लिए मैदान में पसीना बहा रहे दिग्गज, चुनावी मैदान में प्रतिष्ठा दांव पर लगी

भारतअरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से रिहा, सीधे पहुंचे सीएम आवास, कल का पूरा कार्यक्रम बताया

भारतBrij Bhushan Singh: डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय, पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का मामला, ये धाराएं लगीं

भारतDelhi excise policy case: सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, दिल्ली आबकारी नीति केस में कब क्या-क्या हुआ, जानें 22 घटनाक्रम

भारतSupreme Court On Arvind Kejriwal: 'उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था' अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा