नई दिल्ली: भारतीय आईटी जायंट टीसीएस ने बिना पूर्व सूचना दिए ही कर्मचारियों को ट्रांसफर निर्देश दिया। इस बात 2000 से अधिक कर्मचारियों ने कर्मचारी संघ को अवगत कराया। फिर, आईटी कर्मचारी संघ एनईटीईएस (नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट) ने मामले का संज्ञान लिया और श्रम और रोजगार मंत्रालय को पत्र लिखकर मुद्दे से परिचित कराया है।
विवाद पर जब हिंदुस्तान टाइम्स ने टीसीएस से ईमेल के जरिए जवाब मांगा, तो कंपनी की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है।
कर्मचारी संघ एनआईटीईएस ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसे 180 से अधिक शिकायतें मिली हैं, जिनमें पता चला है कि टीसीएस कथित तौर पर 2,000 से अधिक कर्मचारियों को बिना सूचना या बातचीत किए ही विभिन्न शहरों में ट्रांसफर कर रहा है।
एनआईटीईएस ने कहा, "टीसीएस अपने कर्मचारियों को व्यवस्थित रूप से मजबूर कर रहा है, जिससे कर्मचारियों को ही नहीं बल्कि उनके परिवारों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।"
एनआईटीईएस ने दावा किया है कि टीसीएस ने कर्मचारियों को आगाह किया है कि ट्रांसफर निर्देशों का पालन न करने पर उनके ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एनआईटीईस अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सालुजा ने कहा, "हम टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की अनैतिक प्रक्रिया के बारे में चिंतित हैं। हमने श्रम और रोजगार मंत्रालय से टीसीएस के कार्यों की जांच करने और आईटी कर्मचारियों को ऐसी अनैतिक कार्रवाई से बचाने के लिए उचित उपाय करने का आग्रह किया है।"
एनआईटीईएस की ओर से कहा गया है कि टीसीएस कर्मचारियों के अधिकार का हनन कर रहा है और कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से कठिनाई में डाल रहा है।
एनआईटीईएस ने आगे कहा, "हमनें श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव से टीसीएस के द्वारा किए गए कर्मचारियों के स्थानांतरण की जांच कराने और कंपनी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह भी किया। हम मंत्रालय से आईटी कर्मचारियों को अनैतिक स्थानांतरण की प्रक्रिया से बचाने के लिए नई नीतियां और नियम बनाने का भी अनुरोध करते हैं।"