भारतीय रेलवे ने 1 मई से लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को निकालने के लिए ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन चला रही है. इंडियन रेलवे ने अपने अलग-अलग जोन को नये निर्देश दिये है. इन गाइडलाइन्स के अनुसार देश के अलग हिस्सों में फंसे हुए लोगों को ले जाने के लिए अपनी पूरी क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई जानी चाहिए. रेलवे ने कहा कि जिस राज्य से ट्रेन चलनी है वहां की सरकार टिकट के लिए किराया जमा करेंगे. इस पूरे पैसे को रेलवे को देकर, टिकट प्रवासी कामगारों यानि की यात्रियों को सौंपेंगे. जहां तक सुरक्षा का सवाल है तो गाड़ी चलने वाले स्टेशन पर सुरक्षा जिम्मेदारी होगी संबंधित राज्य की होगी. जिससे कि यह तय हो सके कि केवल वही यात्री स्टेशन में घुसें जिनको यात्रा की मंजूरी दी गई है और जिनके वैध टिकट हो. ये गाड़ी कहां रुकेगी. इसका जवाब ये है कि हर श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक ही स्टॉप होगा मतलब ये यह बीच में नहीं रुकेगी. कम से कम कितनी दूरी के लिए चलेंगी ये गाड़िया तो बता दें कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी.