जम्मू-कश्मीर चुनाव का पाकिस्तानी कनेक्शनपाक बहुओं ने क्यों छुपाई सच्चाई?जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (DDC Election 2020) चुनाव में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है। कश्मीर में उन दो पाकिस्तानी बहुओं (Pakistani Bahu) की किस्मत की पेटी को फिलहाल स्ट्रांग रूम (Strong Room) में बंद कर दिया गया है, जिन पर पाकिस्तानी नागरिक (Pakistani Citizen) होने का आरोप लगा है, अब प्रशासन ने मतगणना रोक दी है। जब उन्होंने चुनाव के लिए पर्चा भरा था तब इस पर कोई आपत्ति नहीं की गई थी। अब प्रशासन कह रहा है कि उन्होंने यह बातें अपने दस्तावेजों में छुपाई थी। उत्तरी कश्मीर (Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले में द्रगमुल्ला (Dragmulla) व हाजिन में डीडीसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतों की गिनती (Counting) मंगलवार को एक उम्मीदवार की राष्ट्रीयता (Nationality) के मुद्दे के कारण रोक दी गई।एक दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ रह रही हैंसोमैया लतीफ जो एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और एक दशक पहले से कश्मीरी पति के साथ यहां रह रही हैं। सोमैया ने मीडिया कर्मियों को बताया कि उसकी राष्ट्रीयता के मुद्दे के कारण मतगणना रोक दी गई है। उसने कहा कि जब उसने नामांकन पत्र दाखिल किया तो कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन अब वे मेरी राष्ट्रीयता का मुद्दा उठा रहे हैं।वहीं दूसरी ओर हाजिन-ए में भी मतगणना की प्रक्रिया को रोक दिया गया, क्योंकि उम्मीदवार शाजिया पीओके से हैं, जिसने एक कश्मीरी से शादी की थी, जो वहां आतंकी बनने के लिए हथियारों के प्रशिक्षण के लिए गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब तक इस मुद्दे को हल नहीं किया जाता तब तक बैलट बाक्स को प्रोटोकाल के अनुसार स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा।डीडीसी चुनावों की घोषणा हुई थी तो इसे बदलाव की बयार कहा जा रहा थाप्रदेश में जब डीडीसी चुनावों की घोषणा हुई थी तो इसे बदलाव की बयार कहा जा रहा था क्योंकि एक बार फिर दो पाकिस्तानी बहुएं कश्मीर के चुनाव मैदान में थीं। पहले भी वर्ष 2018 में हुए पंचायत चुनावों में कश्मीर में दो पाकिस्तानी बहुएं पंच और सरपंच चुनी गई थीं। हालांकि तब पुंछ में एक पाकिस्तानी बहू को पंचायत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था।पाक कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद की सोमैया लतीफ सीमांत जिले कुपवाड़ा के द्रगमुला निर्वाचन क्षेत्र से सात दिसम्बर को चौथे चरण में जिला परिषद के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है।मुजफ्फराबाद की सोमैया लतीफ पुनर्वास नीति के तहत अपने पति के साथ कश्मीर आई थीं, जोकि आतंकवाद में शामिल होने के लिए सीमा पार पाकिस्तान हथियारों की ट्रेनिंग लेने गया था।इस पुनर्वास नीति के तहत सरकार ने उन युवाओं को वापस आकर मुख्यधारा में शामिल होने का मौका दिया, जो एलओसी पार कर आतंकवाद में शामिल होने गए थे। इससे पहले वर्ष 2018 के नवम्बर महीने में सीमा पार से लौटे दो आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियां कश्मीर में बतौर पंच और सरपंच चुनी गईं थीं। जबकि तब पुंछ के मंडी इलाके में एक पाकिस्तानी बहू को प्रशासन ने पंचायत चुनाव लड़ने से ही रोक दिया था।वहीं, चुनावी नतीजों की बात करें तो.. 280 सीटों पर हुए चुनाव में 276 सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं। भाजपा अकेले दम पर 74 सीटें जीतकर यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। गुपकार गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 67, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को 27 और कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत का परचम लहराया है।