भारत ने क्यों कहा चीन ने सीमा पर रक्तपात किया है?भारत और चीन (Indian China Conflict) के बीच लंबे समय से तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच बीते साल जून में उस समय तनाव चरम पर पहुंच गया जब हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इस झड़प में चीन के भी कई सैनिक मारे गए, जिसकी संख्या का खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। दोनों ही देशों ने सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक जमा किए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद दशकों बाद इस तरह सैन्य संकट के रूप में उभरा है।रॉयटर्स नेक्स्ट कांफ्रेंस में मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पिछले साल गर्मियों में सीमा पर हुई झड़प के बाद से चीन पर भरोसा बेहद कम हो गया है। 45 साल के बाद पहली बार दोनों देशों की सीमा पर सैनिक मारे गए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ रिश्ता मजबूत हो रहा है और वॉशिंगटन में नए प्रशासन के तहत इसके विस्तार की संभावना है।जयशंकर ने कहा, ''45 सालों के बाद, वास्तव में आपने सीमा पर रक्तपात किया है और इसका जनमत और राजनीतिक रूप से बड़ा असर है। जहां तक चीन के साथ रिश्ते और भरोसे-विश्वास की बात है, इस पर बहुत बुरा असर हुआ है।'' दोनों देशों में 1962 में युद्ध हुआ था, उसके बाद से आमतौर पर दोनों देश सीमा पर तनाव को दूर रखने की कोशिश करते हुए व्यावसायिक रिश्तों को मजूबत कर रहे थे।जयशंकर ने कहा, ''अब पिछले साल, हमें पता नहीं किस वजह से, चीनी बड़ी संख्या में सीमा के एक ओर सैनिक ले आए और फिर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर, निश्चित तौर पर जब हमने उन्हें आते तो देखा तो हम भी आगे बढ़े और इससे एलएसी पर कई जगह टकराव की स्थिति बन गई।''भारत के सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत हो चुकी है, लेकिन अग्रिम इलाकों से सेनाओं को नहीं हटाया गया है। भारत उम्मीद करता है कि बातचीत से सौहार्दपूर्ण समाधान निकलेगा। जयशंकर ने अमेरिका को लेकर कहा कि यूएस के साथ रिश्ते में उछाल है और वे बाइडेन प्रशासन में इसकी दिशा को लेकर आश्वसत हैं। विदेश मंत्री ने कहा, ''जब मैं हमारी चुनौतियों की ओर देखता हूं, अमेरिका भागीदारों के लिए बहुत अधिक खुला है और मैं बहुत आश्वसत हूं कि हम रिश्ते में कहां जा रहे हैं।'' भारत ने अमेरिका से पिछले 15 सालों में 20 अरब डॉलर के हथियार खरीदे हैं। अमेरिका के सहयोगियों जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ इनसे हिंद महासागर में नौसेना का युद्धाभ्यास किया है, जिसे एक्सपर्ट चीन पर दबाव के रूप में देख रहे हैं।बता दें कि भारत और चीन के बीच अब तक कमांडर स्तर की 8 दौर की वार्ता हो चुकी है जबकि 9वें दौर की वार्ता अभी होने जा रही है। हालांकि, इसकी अभी तारीख तय नहीं हुई है। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच राजनयिक और सरकार के स्तर पर भी वार्ता हो चुकी है।