Uttar Pradesh LS polls 2024: कांग्रेस ने भेजा अखिलेश यादव को इफ्तार पार्टी में शामिल होने का न्योता, दो अप्रैल को आयोजन, चुनाव आते ही...
By राजेंद्र कुमार | Published: April 1, 2024 07:01 PM2024-04-01T19:01:08+5:302024-04-01T19:02:01+5:30
Uttar Pradesh LS polls 2024: मुख्यमंत्री के स्तर से होने वाले ऐसे आयोजन रुक गए. यही नहीं समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने भी पार्टी दफ्तर में इफ्तार पार्टी आयोजित करना बंद कर दिया.
Uttar Pradesh LS polls 2024: एक समय था, जब उत्तर प्रदेश में रमजान के दौरान सियासी इफ्तार की धूम रहती थी. लगभग सभी राजनीतिक दल अपने पार्टी दफ्तरों में इफ्तार पार्टी आयोजित करते थे. सभी पार्टियों के मुस्लिम सांसद और विधायक भी अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रोजा इफ्तार का आयोजन करते थे. फिर अचानक ही राजनीतिक दलों के दफ्तरों में होने वाली इफ्तार पार्टी पांच सितारा होटलों में होने लगी. मायावती और अखिलेश यादव ने सीएम रहते फाइव स्टार होटलों में हुई ऐसी इफ्तार पार्टियों में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूबे की सत्ता संभालने के बाद इस प्रथा पर अंकुश लगा.
मुख्यमंत्री के स्तर से होने वाले ऐसे आयोजन रुक गए. यही नहीं समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने भी पार्टी दफ्तर में इफ्तार पार्टी आयोजित करना बंद कर दिया. बीते साल इन तीनों ही दलों ने पार्टी दफ्तर में इफ्तार पार्टी आयोजित नहीं की लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपने दफ्तर में दो अप्रैल (मंगलवार) को इफ्तार का आयोजन करने का फैसला किया है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी इसमें शामिल होने का न्योता भेजा है. फिलहाल कांग्रेस के इस आयोजन को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव कांग्रेस के इस आयोजन में शामिल होंगे या नहीं इसे लेकर अटकले लगाई जा रही हैं.
यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि अखिलेश यादव अपने पिता की तरह क्या इफ्तार पार्टी आयोजित करने का सिलसिला फिर से शुरू करेंगे. सपा नेताओं के अनुसार, अभी तक अखिलेश यह तय ही नहीं कर पाए हैं कि पार्टी की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाये या नहीं. जबकि कुछ साल पहले तक सपा मुख्यालय में इफ्तार पार्टी आयोजित होती थी.
जिसमें हर दल के मुस्लिम और हिन्दू नेता अपने राजनीतिक विवादों को भूल कर शामिल होते थे. लेकिन हिन्दुत्व की राजनीति और कोरोना की महामारी ने इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाले दलों की हिम्मत तोड़ दी है. और यूपी में बढ़चढ़ कर इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाली सपा भी अपने पार्टी मुख्यालय में इफ्तार पार्टी करने बंद कर दिए.
जबकि कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने अपने घरों पर इफ्तार पार्टी करना नहीं छोड़ा. अब लंबे समय बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने अखिलेश यादव को दो अप्रैल की शाम छह बजे पार्टी मुख्यालय में होने वाले इफ्तार में शामिल होने का न्योता भेजा है. अब अखिलेश यादव के लिए कांग्रेस के दफ्तर जाना एक दुविधा भरा फैसला है.
कहा जा रहा है कि सपा और कांग्रेस का वोट बैंक बहुत हद तक एक जैसा है और दोनों पार्टियां ज्यादातर मौके पर एक-दूसरे के खिलाफ ही लड़ती हैं. ऐसे में सपा मुखिया अखिलेश यादव न्योता पाने के बाद भी कांग्रेस के दफ्तर में जाने से दूरी बना सकते हैं और खुद वहां ना जाकर पार्टी के नेताओं को भेजेंगे.
इसके बाद वह भी पार्टी दफ्तर में इफ्तार पार्टी का आयोजन करेंगे. फिलहाल फिर से शुरू हो रही इस प्रथा को चुनाव की महिमा बताया जा रहा हैं. कहा जा रहा है बीते तीन वर्षों से जो दल इफ्तार पार्टी पार्टी के दफ्तर में आयोजित करने की हिम्मत नहीं कर रहे थे, अब वह फिर से यह आयोजन प्रदेश में करने लगे हैं.