जीरो एक भटकी हुई बॉलीवुड की खांटी कर्मशियल फिल्म है। निर्देशक आनंद एल राय की जीरो, स्वामी विवेकानंद के उसी दर्शन पर है, जिसमें उन्होंने जीरो के मायने बताए थे। निर्देशक आखिर तक जीरो को स्वदेश सरीखी एक यादगार फिल्म बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन लचर कहानी और अभिनय को धंधा मानने वाले कलाकार इसे फ्लॉप शो बनाने में लगे रहते हैं।