लाइव न्यूज़ :

'कूनो पार्क में चीतों के लिए नहीं है पर्याप्त जगह', पूर्व वन्य अधिकारी ने किया खुलासा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 30, 2023 6:32 PM

भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व डीन यादवेंद्र देव विक्रम सिंह झाला ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों के लिए 'अपर्याप्त जगह' है।

Open in App
ठळक मुद्देवन्यजीव विशेषज्ञ का बड़ा खुलासा, कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए नहीं है पर्याप्त जगहकूनो नेशनल पार्क का दायरा 748 वर्ग किमी के क्षेत्र का है, जिसमें 487 वर्ग किमी बफर जोन है748 वर्ग किमी का क्षेत्र चीतों के लिए पर्याप्त नहीं है, इस कारण चीतों को हो रही है परेशानी

दिल्ली: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बीते एक महीने में दो चीतों की हुई मौत पर भारतीय वन्यजीव संस्थान के एक पूर्व अधिकारी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए इस बात का दावा किया है कि कूनो नेशनल पार्क में रहने वाले अफ्रीकी चीतों के लिए जगह की भारी कमी पड़ रही है।

इस बात की जानकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की ओर सोमवार को बुलाई बैठक में सामने आयी। यह बैठक भारत की महत्वाकांक्षी चीता परियोजना को एक ही महीने में दो चीतों की मौत से लगे झटके के बाद बुलाई गई थी। बैठक में विशेषज्ञों के बीच इस बात पर विस्तार से चर्चा हुई कि आखिर दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में लाये गये कुल 20 चीतों में से दो चीतों की मौत किन परिस्थितियों में हुई।

बैठक में कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि एक चीते को आवाजाही के लिए कम से कम लगभग 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की आवश्यकता होती है। कूनो नेशनल पार्क का दायरा 748 वर्ग किमी के क्षेत्र का है, जिसमें 487 वर्ग किमी बफर जोन में आता है।

इस संबंध में चीता परियोजना के हिस्सा रहे भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व डीन यादवेंद्र देव विक्रम सिंह झाला ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों के लिए 'अपर्याप्त जगह' है। उन्होंने कहा, "केवल 748 वर्ग किमी का क्षेत्र चीतों के लिए पर्याप्त नहीं है।"

यादवेंद्र देव विक्रम सिंह झाला ने कहा, "कुनो एक संरक्षित क्षेत्र है, लेकिन कूनो में चीते जिस क्षेत्रफल में रह सकते हैं, वह 5,000 वर्ग किमी में फैला हुआ है। जिसमें कृषि भागों, वन विभाग के आवास और क्षेत्रीय समुदाय के रहने वाले लोग भी शामिल हैं। अगर आने वाले समय में नामीबिया के चीते इस माहौल के अनुकूल हो जाते हैं, तभी वो कूनो नेशनल पार्क में फलने-फूलने में सक्षम होंगे।"

भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व डीन झाला ने कहा, "तो इस लिहाज से यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम चीता के साथ रहने वाले समुदायों का प्रबंधन कैसे करते हैं। इकोटूरिज्म को प्रोत्साहन देना और मानव-पशु संघर्ष पर रोक सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।"

कूनो में पशुओं की जनसंख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह चीतों के लिए एक रिजर्व साइट है, ठीक उसी तरह से जैसे राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाधों के लिए एक साइट है या फिर गांधी सागर अभयारण्य और मध्य प्रदेश का ही नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य है।

उन्होंने कहा, "इनमें से प्रत्येक साइट अपने आप में व्यवहार्य नहीं है। एक या तीन चीतों को एक के बाद एक दो पीढ़ियों को यहां से स्थानांतरित करने के लिए मेटापोपुलेशन प्रबंधन कहा जाता है ताकि आनुवंशिक विनिमय हो। यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास है और इसके बिना हम हमारे देश में चीतों का प्रबंधन नहीं कर सकते हैं।"

झाला ने कहा, "कूनो में लाए गए आठ नामीबियाई चीतों में से एक, साढ़े चार साल से अधिक उम्र की साशा की 27 मार्च को पार्क में गुर्दे की बीमारी से मृत्यु हो गई। एक महीने से भी कम समय में दूसरी चीते की मौत देखी गई क्योंकि फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए उदय नाम के एक छह साल के नर चीते की 23 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी।"

टॅग्स :Wildlife Institute of IndiaIndia
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यकहीं आप भी जहर में डुबाकर पकाया गया आम तो नहीं खा रहे! कैल्शियम कार्बाइड है बेहद खतरनाक, जानें इसके नुकसान

भारतIndia Next Prime Minister: 'देश का दुर्भाग्य होगा अगर अमित शाह, योगी आदित्यनाथ पीएम बनेंगे', योगेंद्र यादव ने कहा

भारतFact Check: राहुल गांधी रैलियों में ले जाते हैं चीन का संविधान? जानें लाल कवर वाले संविधान बुक का सच

भारतब्लॉग: देश की युवा शक्ति आखिर कहां व्यस्त है?

भारतअभिषेक कुमार सिंह का ब्लॉग: अंतरिक्ष के दरवाजे पर नई दस्तक

भारत अधिक खबरें

भारतLok Sabha Elections 2024: छठे चरण में 59% से अधिक मतदान, पश्चिम बंगाल 78% के साथ सबसे आगे

भारतBihar LS Polls 2024: बिहार में छठे चरण में 55.54 फीसदी लोगों ने किया मतदान, 2019 की तुलना में 3 फीसदी कम हुई वोटिंग

भारतBihar Lok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी को संविधान का ज्ञान नहीं, तेजस्वी यादव ने कहा- अगले पांच साल में वह बिहार के लिए क्या करेंगे?

भारतGhazipur Lok Sabha Seat: 'माफिया 'लाल बत्ती' लेकर घूमते थे, हर महीने 2-3 बड़े दंगे होते थे', सपा की सरकार पर पीएम मोदी का हमला

भारतAgniveer Scheme: '4 साल बाद 75% अग्निवीरों का जीवन बर्बाद', राहुल गांधी पर अमित शाह का जवाब