Israel–Hamas war: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों ने एक दिन पहले ही इज़रायल को दक्षिणी गाजा के शहर राफा पर अपना हमला रोकने का आदेश दिया था। लेकिन इसके बावजूद इजरायल ने सिर्फ हवाई बमबारी जारी रखी है, बल्कि तेज भी कर दी है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश को इजरायल ने अपमानजनक और नैतिक रूप से प्रतिकूल भी बताया है। भले ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का फैसला इजरायल के पक्ष में न हो लेकिन अदालत के पास अपने आदेश को लागू करने की कोई शक्ति नहीं है।
इजरायल ने इस फैसले से असहमति जताते हुए जोर देकर कहा है कि राफा में उसका सैन्य अभियान विश्व न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुनाया था कि इज़रायल को दक्षिणी गाजा शहर राफा में अपने सैन्य हमले को तुरंत रोकना चाहिए। हालांकि अदालत के पास अपने आदेशों को लागू करने का कोई साधन नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल पर गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार के आरोप थे। लेकिन इन आरोपों को झूठा और अपमानजनक कहकर नकार दिया। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि वह दक्षिणी शहर राफा में ऐसा सैन्य अभियान नहीं चलाएगा जो विश्व न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा। इज़राइल के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने जोर देकर कहा कि उसकी सेना ने ऐसी स्थितियाँ पैदा नहीं की हैं और न ही करेगी।
इजराइल के करीबी सहयोगी अमेरिका ने भी रफह में सैन्य अभियान के खिलाफ आगाह किया है जहां युद्ध शुरू होने के बाद से हजारों फलस्तीनी पनाह लिए हुए हैं। इजराइल सरकार के प्रवक्ता एवी हाइमन ने प्रेस वार्ता में कहा, "दुनिया की कोई भी ताकत इजराइल को अपने नागरिकों की रक्षा करने और गाजा में हमास के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती।"
इस बीच जबालिया में अभियान चला रही इजरायली सेना ने कहा है कि उसने इलाके में दर्जनों हमास के लड़ाके मार गिराए हैं। इज़रायली युद्धक विमानों ने उत्तरी गाजा के बेत हानून में भी बमबारी की जिसमें जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित 10 लोगों के मारे जाने की खबर है।