तमिलनाडु में रविवार (14 जनवरी) को जलीकट्टू खेल का आयोजन मुदरै में किया गया, जिसका लोगों ने जमकर आनंद उठाया है। दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले पोंगल त्योहार की पुरानी परंपरा को जारी रखते हुए खेल का आयोजन किया। यह खेल हमेशा से ही चर्चा में रहा है। इसमें बैलों के साथ खेला जाता है। वहीं, पिछले दिनों भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने आयोजकों को बैलों का चयन करने से पहले उनके स्वस्थ होने को लेकर परीक्षण करने के निर्देश दिए थे।
इस खेल के लिए 300 से 400 किलो के बैलों को इंसानों द्वारा चुनौती दी जाती है। रिवाज कुछ ऐसा है कि बैलों के सीगों पर लगे नोट उतारने के लिए लोग जान की परवाह भी नहीं करते। खेल में हिस्सा लेने वाले लोग बैल का इंतजार करते हैं और जो फुर्ती और मुस्तैदी दिखाकर सांड को चंद सेकेंड भी रोकने में कामयाब होता है वो सिकंदर बन जाता है।