नई दिल्ली: भारत और फिलीपींस आज अंतर-सरकारी ब्रह्मोस मिसाइल सौदे को अंतिम रूप देने वाले हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि फिलीपींस की नौसेना के लिए सुपरसोनिक मिसाइलों की खरीद को लेकर आज दोनों देश 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे। इस मौके पर फिलीपींस के शीर्ष रक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे जबकि भारत का प्रतिनिधित्व उसके राजदूत करेंगे।
बता दें कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है, जोकि भारत-रूस संयुक्त उद्यम है। इन मिसाइलों को पनडुब्बियों, पोतों, विमानों या जमीन से प्रक्षेपित किया जा सकता है। इस मिसाइल की खासियत है कि यह ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना की गति से उड़ान भरती है। यही नहीं, यह संस्करण लगभग 290 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है।
क्या है ब्रह्मोस?
-ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
-ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र है।
-क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र उसे कहते हैं जो कम उंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है।
-ब्रह्मोस की विशेषता यह है कि इसे जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, युद्धपोत से यानी कि लगभग कहीं से भी दागा जा सकता है।
-यही नहीं इस प्रक्षेपास्त्र को पारम्परिक प्रक्षेपक के अलावा उर्ध्वगामी यानी कि वर्टिकल प्रक्षेपक से भी दागा जा सकता है।
-ब्रह्मोस के मेनुवरेबल संस्करण का हाल ही में सफल परीक्षण किया गया जिससे इस मिसाइल की मारक क्षमता में और भी बढ़ोतरी हुई है।
-इस प्रोजेक्ट में रूस प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवा रहा है और उड़ान के दौरान मार्गदर्शन करने की क्षमता भारत के द्वारा विकसित की गई है।