Vivek Vihar Fire Accident: राजधानी दिल्ली के विवेक विहार स्थित न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में आग लगने की घटना पर दिल्ली सरकार एक्शन मोड में आ गई है। दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने स्वास्थ्य सचिव दीपक कुमार और मुख्य सचिव दीपक कुमार को पत्र लिखकर अग्निकांड के पीछे लापरवाही बरतने वाले लोगों के नाम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पत्र में सौरभ ने लिखा कि 25 मई की रात को दिल्ली के विवेक विहार स्थित एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद घटना घटी।
हालांकि, यह घटना रात 11:30 बजे के आसपास घटी, मुझे इस घटना के बारे में 26 मई की सुबह मीडिया फ्लैश के माध्यम से पता चला। मैंने सचिव (स्वास्थ्य) को कई बार फोन करने की कोशिश की है और उन्हें कई व्हाट्सएप संदेश भी छोड़े हैं लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए मैंने अकेले ही घटना स्थल का दौरा किया। चूंकि मैं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) के साथ संवाद करने में सक्षम नहीं हूं।
उन्होंने कहा कि साथ ही साथ इस अग्निकांड में बचाए गए शिशुओं का इलाज फरिश्ते योजना के तहत मुफ्त में निजी अस्पतालों में कराने को लेकर भी निर्देश दिया गया है। साथ ही मृतकों और घायलों के परिजनों को शीघ्र मुआवजा देने के निर्देश के साथ ही साथ सेंटर को चलाने वालों की गिरफ्तारी में तेजी लाने के निर्देश दिया गया है।
विवेक विहार के न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में आग लगने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया।
पीएम के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पोस्ट कर दुख जताया। उन्होंने कहा कि बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। इस हादसे में जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया उनके साथ हम सब खड़े हैं।
घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा वो बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं, दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि कल रात 11:32 बजे हमें कॉल मिली कि एक बेबी केयर सेंटर में आग लगी है। हमने शुरू में ही 7 फायर टेंडर भेजे थे। 12 बच्चों को हमने निकाला। बाद में पता लगा कि 6 बच्चों की मृत्यु हो गई है।
बताया गया है कि वहां ऑक्सीजन के सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया जिस कारण आग बढ़ गई और बगल के घर में भी चली गई थी। वहां करीब 6 ब्लास्ट हुए हैं जिससे हमारे फायर फाइटर को भी खतरा था। हमने 2 टीम बनाई जिसमें से एक ने बच्चों को निकाला और दूसरी टीम ने फायर फाइटिंग की।