नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने इंडिया ब्लॉक पर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बीते शनिवार को की गई 'मुजरा' टिप्पणी से आहत होकर उन्हें रविवार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि पूर्व ने लोगों के लिए कई आधारहीन, तथ्यहीन और झूठी बातें कही हैं।
तेजस्वी यादव ने पत्र में पीएम पर निशाना साधते हुए लिखा, "क्या बड़े दिल वाले प्रधानमंत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए?"
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राजद नेता यादव ने अपने पत्र में पीएम मोदी के भाषण पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, "आज आप बिहार आए और यहां आकर जितनी बेबुनियाद, तथ्यहीन और झूठी बातें कह सकते थे, कही। अब आपसे ये उम्मीद नहीं है कि आप अपने पद की गरिमा का ख्याल रखेंगे।"
पीएम मोदी की शब्दों पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी ने चिट्ठी में लिखा, ''आज आप ''मुजरा'' और ''मंगलसूत्र'' की शब्दावली पर आ गए हैं, सच कहूं तो हमें आपकी चिंता हो रही है। क्या इस बड़े दिल वाले देश के प्रधानमंत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए?''
यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब पीएम मोदी ने शनिवार को बिहार में एक रैली में कहा था कि वह बिहार, एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को गारंटी दे रहे हैं कि जब तक मोदी जीवित हैं, वह उन्हें उनके अधिकार छीनने नहीं देंगे।
पीएम मोदी ने कहा, "मोदी के लिए संविधान सर्वोच्च है। मोदी के लिए बाबासाहेब अम्बेडकर की भावनाएं सर्वोच्च हैं। अगर इंडिया गठबंधन अपने वोट बैंक की दासता स्वीकार करना चाहता है, तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वो 'मुजरा' करना चाहते हैं तो उसके लिए स्वतंत्र हैं। मैं एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के साथ दृढ़ता से खड़ा रहूंगा।''
प्रधानमंत्री के इस बयान की आलोचना करते हुए तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान से पता चलता है कि उनकी मानसिकता पिछड़ा और दलित विरोधी है।
उन्होंने पत्र में लिखा, "जब हम बिहार में सरकार में आए तो हमने राज्य के खर्च पर जाति सर्वेक्षण कराया। जिसकी वास्तविकता से आपको अवगत भी कराया गया था। प्रधानमंत्री जी, उस सर्वेक्षण के आलोक में हमने आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया और आपसे बार-बार अनुरोध करते रहे कि आप इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करें, लेकिन प्रधानमंत्री जी, मूलतः आप पिछड़ी और दलित विरोधी मानसिकता के हैं।"
आरक्षण के मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी से निजी क्षेत्र में भी आरक्षण देने का अनुरोध करते रहे हैं।
उन्होंने कहा, "आपने बाबा साहेब के आरक्षण को खत्म करने का अनोखा तरीका ढूंढ लिया है क्योंकि संविधान की धारा 5 और धारा 6 के तहत सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलता है, अगर आपने रेलवे, सेना और अन्य विभागों से सरकारी नौकरियों को खत्म कर दिया है, तो आरक्षण की अवधारणा खत्म हो जाएगी।"
तेजस्वी ने कहा, "हम आपसे कई बार संसद में, सड़क पर, सदन में अनुरोध कर चुके हैं कि आप निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था करें ताकि व्यापक बहुजन आबादी, दलितों और अन्य वंचित समूहों को उनका उचित संवैधानिक अधिकार मिल सके।"
उन्होंने कहा, "सभी दलित, ओबीसी और आदिवासी जानते हैं कि बीजेपी और आप बाबा साहेब, बिरसा मुंडा, मान्यवर कांशीराम लोहिया जी और मंडल कमीशन के कट्टर वैचारिक दुश्मन हैं। हमें भाषण से नहीं, अपने काम से बताएं सर और हां, इस पत्र के साथ मैं गुजरात में ओबीसी श्रेणी के तहत मुस्लिम जातियों की सूची भी संलग्न कर रहा हूं। शायद आपको यह ज्ञान और ध्यान भी नहीं होगा कि गुजरात में मुस्लिम समुदाय की जातियों को भी 43 साल से ज्यादा समय से आरक्षण मिलता आ रहा है, इसलिए भ्रम फैलाने और नफरत परोसने की राजनीति से बचें।”