FIH Women’s Olympic Qualifiers: रांची में माहौल कुछ अलग था। भारतीय खिलाड़ी फैंस के सामने मायूस। साथी गोलकीपर बिचू देवी के साथ मैदान के बीच में आंसू बहाते हुए खड़ी भारतीय महिला हॉकी टीम ने कल सबकुछ ठीक नहीं था। खिलाड़ी ने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल नहीं कर सकी।
जर्मनी ने बराबरी के बाद सडन डेथ में 4-3 से जीत के साथ ओलंपिक क्वालीफायर के फाइनल में जगह बनाई और पेरिस का टिकट कटाया। गुरुवार को सेमीफाइनल में निर्धारित समय में 2-2 से बराबरी। 1984 में अपनी शुरुआत के बाद से ट्रैक रिकॉर्ड और रैंकिंग में बेहतर टीम से जब्बा दिखा दिया। भारत ने अपने अधिक कट्टर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कड़ी लड़ाई लड़ी।
जर्मनी ने शुरुआत से ही आक्रमण किया
दुनिया की पांचवें नंबर की टीम जर्मनी शुक्रवार को फाइनल में अमेरिका से भिड़ेगी। निर्धारित समय में भारत के लिए दीपिका (15वें मिनट) और इशिका चौधरी (59वें मिनट) ने गोल किये। जर्मनी के लिए दोनों गोल चार्लोट स्टेपनहॉर्स्ट (27वें, 57वें) ने दागे। उम्मीद के अनुरूप जर्मनी ने शुरुआत से ही आक्रमण किया और धुंध भरी रात में भारतीय रक्षापंक्ति पर लगातार हमले किये।
अपनी रणनीति पर चलते हुए जर्मनी ने भारत के सर्कल में कई बार सेंध लगायी। पहले ही मिनट में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारत द्वारा रिव्यू लेने के बाद इसे अस्वीकार कर दिया गया। पर मेहमान टीम ने दबाव बनाए रखा और नौवें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता पूनिया ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी संभाली।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी भी मैच देखने पहुंचे
भारतीय खिलाड़ियों ने भी जर्मनी के सर्कल में सेंध लगायी लेकिन फिनिशिंग में कमी रह गई। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी भी मैच देखने पहुंचे हुए थे। उनके उत्साहवर्धन से घरेलू टीम ने जर्मन रक्षापंक्ति को परेशान करने के लिए गजब का जज्बा दिखाया।
पहले क्वार्टर के खत्म होने से सिर्फ 55 सेकंड पहले भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला और दीपिका ने एक ताकतवर ड्रैगफ्लिक से बढ़त दिलाकर जर्मनी को हैरान कर दिया। इस गोल के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय खिलाड़ियों ने प्रतिद्वंद्वी रक्षापंक्ति पर लगातार हमले किये। पर जर्मनी की टीम शांत बैठने वाली नहीं थीं, उसने पिछड़ने के बाद हमलों में इजाफा कर दिया।
सविता ने ऐनी श्रोडर के प्रयास का शानदार बचाव किया
भारत के मिडफील्ड में संयोजन की कमी दिखी और ढीली गेंद को दूर करने में असमर्थता उसे महंगी पड़ी। जर्मनी ने चार्लोट के मैदानी गोल से हाफ टाइम से तीन मिनट पहले ही बराबरी हासिल कर ली। जर्मनों ने अपने प्रयास जारी रखे लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति डटी रही। तीसरे क्वार्टर से तीन मिनट पहले सविता ने ऐनी श्रोडर के प्रयास का शानदार बचाव किया।
भारत को 35वें मिनट में बढ़त लेने का शानदार मौका मिला लेकिन दीपिका के प्रयास को जर्मन की गोलकीपर जूलिया सोनटाग ने आसानी से रोक दिया। कुछ सेकंड बाद जर्मनी को अपना दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय बैकलाइन बहुत मजबूत थी जिसने जर्मनी के कई प्रयासों को नाकाम किया।
जर्मनी मैच जीतने के साथ पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल करने में सफल रहा
अंत में भारतीय रक्षात्मक पंक्ति के लिए इन हमलों को संभालना मुश्किल हो गया। चौथे क्वार्टर में तीन मिनट पहले ही चार्लोट ने अपना दूसरा गोल करके स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी और 59वें मिनट में लगातार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए।
इसमें से दूसरे को इशिका ने रिबाउंड से गोल में डाल दिया और मैच शूटआउट में चला गया। शूटआउट में सविता ने दो अच्छे बचाव किए लेकिन नवनीत कौर, नेहा गोयल, संगीता कुमारी और सोनिका के चूकने से जर्मनी मैच जीतने के साथ पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल करने में सफल रहा।
टूर्नामेंट की शीर्ष तीन टीम इस साल के अंत में होने वाले महासमर में जगह बनायेंगी
अमेरिका ने गुरुवार को यहां पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए शानदार प्रदर्शन की बदौलत पूर्व एशियाड चैम्पियन जापान को 2-1 से हराकर एफआईएच महिला ओलंपिक क्वालीफायर के फाइनल में प्रवेश किया और पेरिस ओलंपिक में स्थान सुनिश्चित किया। जापान ने अमिरू शिमाडा के 38वें मिनट में किये गये गोल से बढ़त हासिल कर ली थी।
लेकिन फिर अमेरिका ने एशले होफमैन (52वें मिनट) और एबिगेल टैमर (55वें मिनट) के पेनल्टी कॉर्नर से अंत में किये गये गोल की बदौलत जीत हासिल की। अमेरिका ने पेरिस ओलंपिक का टिकट कटाया क्योंकि इस टूर्नामेंट की शीर्ष तीन टीम इस साल के अंत में होने वाले महासमर में जगह बनायेंगी।
जीत से उसने पेरिस का टिकट कटाया
जापान ने शुरू से ही आक्रामक हॉकी खेली जिससे उसे दूसरे ही मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिल गया लेकिन टीम इस मौके का फायदा नहीं उठा सकी। अमेरिका ने कई बार सर्कल के अंदर सेंध लगायी लेकिन जापानी रक्षापंक्ति अडिग रही। अमेरिका को 11वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला और जापानी गोलकीपर एका नाकामुरा ने इसे नाकाम कर दिया।
दूसरे क्वार्टर में भी जापान ने आक्रामक खेल जारी रखा और 17वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमें कोशिश करती रहीं, पर कोई गोल नहीं हुआ। एक गोल से पिछड़ रही अमेरिका ने अंतिम क्वार्टर में जापानी डिफेंस पर दबाव बनाया और उसकी योजना कारगर रही। उसने दो मिनट के अंदर दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर इन्हें गोल में बदलकर जीत हासिल की। टूर्नामेंट में अभी तक अमेरिका को हार का सामना नहीं करना पड़ा है और इस जीत से उसने पेरिस का टिकट कटाया।
एफआईएच हॉकी क्वालीफायर : इटली ने शूटआउट में चिली को हराया
इटली ने एफआईएच महिला हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर में बृहस्पतिवार को चिली को शूटआउट में 2 . 1 से हराकर पांचवें-छठे स्थान के क्लासीफिकेशन मैच में जगह बनाई। पांचवें से आठवें स्थान के इस क्लासीफिकेशन मैच में निर्धारित समय तक स्कोर 2-2 से बराबर था। चिली के लिये 13वें मिनट में फ्रांसिस्का टाला ने फील्ड गोल किया।
इटली ने सात मिनट बाद अंतोनेला ब्रूनी के गोल पर बराबरी की। इतालवी टीम ने 24वें मिनट में फेडरिका कार्टा के गोल पर बढ़त बना ली। आखिरी सीटी बजने से सात मिनट पहले चिली के लिये पाउला वालदिविया ने बराबरी का गोल दागा । शूटआउट में इटली के लिये मारिया इनाउदी और कार्टा ने गोल किये जबकि चिली के लिये डोमेनिका अनानियास ने गोल दागा।