नई दिल्ली: इजराइल-हमास जंग के कारण पैदा हुई स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भी पाकिस्तान अपने पैंतरे चलने से बाज नहीं आया। पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने इस बैठक में भी कश्मीर का कर ही दिया। इस दौरान भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने बैठक में पाकिस्तान की ओर से कश्मीर का जिक्र किए जाने को अवमानना बताया।
यूएन में भारत के डिप्टी स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा, "एक प्रतिनिधि ने आदतन एक टिप्पणी उन केंद्र शासित इलाक़ों के बारे में की जो मेरे देश का अटूट और अभिन्न अंग हैं। मैं इन टिप्पणियों को उसी अवमानना के साथ देखूंगा जिसके ये लायक हैं और समय का ध्यान रखते हुए प्रतिक्रिया देकर इन्हें तवज्जो नहीं दूंगा।"
आर. रवींद्र ने गाजा पट्टी में नागरिकों को मानवीय सहायता भेजने के लिए भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि बताया कि देश की ओर से फिलीस्तीनी लोगों के लिए 38 टन भोजन और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण भेजे गए हैं।
आर. रवींद्र ने कहा कि भारत इजराइल और फिलिस्तीन के परिपेक्ष्य में द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, "भारत ने हमेशा ही इजराइल-फिलिस्तीन संकट के लिए बातचीत के जरिए द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन किया है। जिसके नतीजे में एक स्वतंत्र, संप्रभु और कामयाब फिलिस्तीन राष्ट्र का निर्माण हो जिसकी सीमाएं सुरक्षित हों और जो इजराइल के साथ शांति से रहे।"
रवींद्र ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी प्रश्न सहित मध्य पूर्व की स्थिति पर खुली बहस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए बयान दिया और शत्रुता के नवीनतम अध्याय पर खुली बहस के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और जारी संघर्ष में बड़े पैमाने पर नागरिकों की मौत को लेकर भारत काफी चिंतित है।