Earthquake in Taiwan: ताइवान में करीब 25 सालों बाद सबसे खतरनाक भूकंप ने बुधवार को लोगों की नींद उड़ा दी। 3 अप्रैल की सुबह आए 7.7 तीव्रता वाले भूकंप के कारण देश में कई इमारतें जमीदोज हो गई। ताइवान में भूकंप इतना तेज आया कि जापान और फिलीपींस में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। और तटीय इलाकों को खाली करने का आदेश दिया।
यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 7.4 थी, जिसका केंद्र ताइवान के हुलिएन शहर से 18 किलोमीटर दक्षिण में 34.8 किलोमीटर की गहराई पर था।
जबकि जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 7.7 थी। ताइपे के भूकंप विज्ञान अधिकारी ने कहा कि ताइवान में यह भूकंप "25 वर्षों में सबसे शक्तिशाली" है।
भूकंप आने के बाद एकाएक बड़ी-छोड़ी इमारतें हिलने लगी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खतरनाक भूकंप का भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। देश के अलग-अलग शहरों से डरा देने वाली तस्वीरें सामेन आई है। कहीं, इमारतें गिरी नजर आ रही है तो कहीं भूकंप के झटके से वह टेढ़ी हो गई है। हल्की आबादी वाले हुआलिएन में एक पांच मंजिला इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, इसकी पहली मंजिल ढह गई और बाकी 45 डिग्री के कोण पर झुक गई। राजधानी ताइपे में, पुरानी इमारतों और कुछ नए कार्यालय परिसरों से टाइलें गिर गईं।
गौरतलब है कि ताइवान के तटीय क्षेत्र में आए भूकंप से राजधानी ताइपे हिल गई, जिससे शहर के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई। ताइवान के केंद्रीय मौसम प्रशासन ने कहा कि भूकंप का केंद्र पूर्वी काउंटी हुलिएन के तट पर, ताइवान द्वीप के पूर्वी तट के पानी में था। पानी में भूकंप का केंद्र होने के कारण जमीन पर बहुत तबाही नहीं होने की उम्मीद है लेकिन फिर भी देश और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
ताइवान टेलीविजन स्टेशनों ने भूकंप के केंद्र के पास हुलिएन में कुछ ढह गई इमारतों के फुटेज दिखाए और मीडिया ने बताया कि कुछ लोग फंसे हुए थे। रॉयटर्स के एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, भूकंप शंघाई तक महसूस किया जा सकता है।
23 मिलियन लोगों की आबादी वाले पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा निलंबित कर दी गई, साथ ही ताइपे में मेट्रो सेवा भी निलंबित कर दी गई। लेकिन राजधानी में हालात जल्द ही सामान्य हो गए, बच्चे स्कूल जा रहे हैं और सुबह का आवागमन सामान्य दिख रहा है। ताइवान की राजधानी ताइपे में शक्तिशाली भूकंप के बाद कुछ देर के लिए इमारतें हिल गईं।
सितंबर 1999 में ताइवान में 7.6 तीव्रता का झटका आया, जिसमें द्वीप के इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा में लगभग 2,400 लोग मारे गए। जापान में हर साल लगभग 1,500 झटके महसूस होते हैं।