तपती दोपहर में इन्होंने मिट्टी खोदना मंज़ूर कर लिया है. ये वापस शहर नहीं जाना चाहते. ऐसा नहीं है कि ये यहां कुछ ज्यादा कमा रहे हैं लेकिन जान ज्यादा कीमती है. हर रोज 200 रुपए की कमाई हो जाती है. मध्य प्रदेश के सिवनी में ये 40 लोग प्रवासी मजदूर हैं. मनरेगा के तहत अपने ही गांव रिद्दी में काम कर रहे हैं. ये सभी लोग नागपुर में काम करते थे. होली में घर आए तो लॉकडाउन के चलते वापस नहीं जा सके. ये महिला कहती है कि अपने ही गांव में काम कर लेंगे अब नहीं जाएंगे शहर, मरने के लिए.