Budget 2021कल संसद में पेश होने वाला आर्थिक सर्वे क्या है?वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2021 को मोदी सरकार का तीसरा बजट पेश करने जा रही हैं। जानकारों की मानें तो कोरोना के कारण निगेटिव ग्रोथ में चल रही अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह बजट ऐतिहासिक होने वाला है। एक कारण और भी है जो इसे विशेष बनाता है.. यह बजट पेपरलेस होगा। बता दें कि बजट पेश करने से पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया गया आर्थिक सर्वेक्षण इस बार 29 जनवरी को पेश किया जाएगा। बता दें बजट सरकार आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश करती है, लेकिन इकोनॉमिक सर्वे मौजूदा वित्त वर्ष का लेखा-जोखा होता है। आइए आपको बताते हैं आर्थिक सर्वेक्षण क्यों विशेष होता है.. इसका महत्व क्या है और इसका बजट से क्या संबंध है...क्या है आर्थिक सर्वेक्षणआर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की सालाना आधिकारिक रिपोर्ट होती है। इस दस्तावेज को बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है। इसमें भविष्य में बनाई जाने वाली योजानाओं और अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों की सारी जानकारी दी जाती है। इस सर्वेक्षण में देश के आर्थिक विकास का अनुमान होता है। आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की जानकारी दी जाती है कि आगामी वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी या फिर धीमी रहेगी। सर्वेक्षण के आधार पर ही सरकार द्वारा बजट में ऐलान किए जाते हैं, हालांकि इन सिफारिशों को मानने के लिए सरकार कानूनी तौर पर बाध्य नहीं होती है।आर्थिक सर्वेक्षण 2021 से क्या उम्मीदें हैं?कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था पर काफी गहरी चोट दी है। सर्वेक्षण से यह अनुमान लगाया जा सकेगा कि कोविड-19 प्रेरित मंदी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान हुआ है। सर्वेक्षण में वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों पर विचार करने और समाधानों की पेशकश करने की अपेक्षा की गई है, जो देश को 5 ट्रिलियन डॉलर लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करेगा। ज्यादातर लोग जानते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर बजट तैयार होता है, लेकिन वास्तव में आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार है। इसमें प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार की राय शामिल होती है। ऐसा जरूरी नहीं कि आर्थिक सर्वेक्षण की बातें बजट में हों।