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Sharad Purnima 2020 Date: आज है शरद पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय

By गुणातीत ओझा | Published: October 28, 2020 2:06 PM

इस वर्ष शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा आज यानि 30 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व होता है।

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ठळक मुद्देइस वर्ष शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा आज 30 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है।हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व होता है।

Sharad Purnima 2020 Date: हर साल की तरह इस साल भी शरद पूर्णिमा आश्विन मास में आज मनाई जा रही है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष शरद पूर्णिमा या आश्विन पूर्णिमा आज यानि 30 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है। हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व होता है। शरद पूर्णिमा के दिन धन, वैभव और ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी पूजा भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पू​र्णिमा के दिन ही माता लक्ष्मी का अवतरण हुआ था।

शरद पूर्णिमा तिथि

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 45 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 31 अक्टूबर को रात 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। शरद पूर्णिमा का वर्त 30 अक्टूबर को रखा जाएगी। शरद पूर्णिमा आश्विन मास में आती है, इसलिए इसे आश्विन पूर्णिमा भी कहा जाता है।

शरद पूर्णिमा का महत्व

ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक वर्ष में एक बार शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत की बूंदें बरसती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। पूर्णिमा की चांदनी में खीर बनाकर खुले आसमान में रखते हैं, ताकि चंद्रमा की अमृत युक्त किरणें इसमें आएंगी और खीर औषधीय गुणों से युक्त होकर अमृत के समान हो जाएगा। उसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होगा। शरद पूर्णिमा के दिन द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास रचाया था। शरद पूर्णिमा का महत्व लक्ष्मी पूजा के लिए भी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा को माता लक्ष्मी रातभर विचरण करती हैं। जो लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और अपने घर में उनको आमंत्रित करते हैं, उनके यहां वर्ष भर धन वैभव की कोई कमी नहीं रहती है।

शरद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय

शरद पूर्णिमा - 30 अक्टूबर 2020

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 30 अक्टूबर 2020, शाम 05:45 बजे।

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 31 अक्टूबर 2020, रात्रि 08:18 बजे।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय- शाम 05:11 बजे।

शरद पूर्णिमा व्रत विधि

पूर्णिमा के दिन सुबह में इष्ट देव का पूजन करना चाहिए।

इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए।

ब्राह्माणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है। इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए।

मंदिर में खीर आदि दान करने का विधि-विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है।

रात 12 बजे के बाद अपने परिजनों में खीर का प्रसाद बांटें।

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