बेंगलुरु: कर्नाटक के श्रवणबेलगोला में भगवान महावीर की 2622वीं जयंती भक्तों द्वारा पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई। इस मौके पर दिगंबर जैन मठ श्री क्षेत्र श्रवणबेलगोला में नए श्रावकरू अभिनव चारुकिर्थी भट्टारक स्वामीजी भी मौजूद थे, जिनके मार्गदर्शन में जैन भक्तों ने स्वामी महावीर की पूजा की। इसके लिए सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु क्षेत्र मठ के परिसर में एकत्रित हो गए थे।
इसके बाद स्वामी महावीर के श्रद्धा स्वरूप कई अनुष्ठानों का आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने बढ़-चढ़ हिस्सा लिया। यहां पर सबसे विशेष बात थी कि मंदिर परिसर से शुरू हुए महावीर स्वामी के चांदी के पालकी/रथ उत्सव में अभिनव चारुकिर्थी भट्टारक स्वामीजी स्वयं पालकी को अपने कंधे पर लेकर चल रहे थे। पूरी शोभायात्रा में मैदान में मुनियों, माताजी, महिलाओं और बच्चों ने धार्मिक ध्वजा लेकर उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस मौके पर स्वामीजी ने कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत आज दुनिया के लिए एक प्रकाश स्तंभ हैं। सभी को उनके संदेशों का पालन करते हुए जैन विरासत को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए। हमें आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर महावीर चित्र पोस्टकार्ड भी जारी किए गए।