FIH Women’s Olympic Qualifiers: भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी का सपना टूट गया। हूटर बजते ही भारतीय टीम के खिलाड़ी घुटने टेक कर बैठ गए और करोड़ों फैंस टूट गए। भारतीय महिला टीम की ओलंपिक उम्मीदें तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ में जापान से 0-1 की हार के साथ समाप्त हो गईं। जापान ने भारतीयों के दिल और ओलंपिक सपने तोड़े।
एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायरः टॉप-8 रैंकिंग
1ः जर्मनी
2ः अमेरिका
3ः जापान
4ः भारत
5ः न्यूजीलैंड
6ः इटली
7ः चिली
8ः चेक गणराज्य।
पेरिस के लिए तीसरा और अंतिम स्थान भी तय किया
जर्मनी ने एफआईएच हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर में संयुक्त राज्य अमेरिका को 2-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। मारंग गोमके जयपाल सिंह एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में कांस्य पदक मैच में भारत के जापान से 1-0 से हारने के बाद फाइनल आयोजित किया गया, जिसने टूर्नामेंट से पेरिस के लिए तीसरा और अंतिम स्थान भी तय किया।
विश्व नंबर 5 जर्मनी ने स्वर्ण, अमेरिका ने रजत और जापान ने कांस्य पदक जीता। भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही। न्यूजीलैंड ने इटली को 3-1 से हराकर पांचवां स्थान हासिल किया। चिली ने चेक गणराज्य को 1-0 से हराकर एफआईएच महिला हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर में सातवां स्थान हासिल किया।
जापान ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया
जर्मनी ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से कभी न चूकने का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका जिसने सेमीफाइनल में जापान को 2-1 से हराया था 2016 के बाद पहली बार ग्रीष्मकालीन खेलों में लौट आया है। उसने फाइनल में पहुंचने के साथ पहले ही पेरिस ओलंपिक में अपनी जगह पक्की कर ली थी।
जर्मनी ने अपने दोनों गोल पहले हाफ में किए। उसकी तरफ से यह गोल जेट फ्लेशफुट्ज़ (तीसरे मिनट) और सोंजा जिमरमैन (20वें मिनट) ने दागे। इस तरह से जर्मनी ने आठ टीमों के टूर्नामेंट में शीर्ष स्थान हासिल किया। जर्मनी के अलावा उपविजेता अमेरिका और तीसरे स्थान पर रहने वाले जापान ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
जर्मनी की टीम ने मैच में 12 पेनल्टी कार्नर हासिल किये
जापान ने इससे पहले तीसरे और चौथे स्थान के मुकाबले में भारत को 1-0 से हराया था। विश्व में पांचवें नंबर की टीम जर्मनी को फाइनल में मजबूत दावेदार माना जा रहा था और उसने अपनी इस ख्याति के अनुरूप ही प्रदर्शन किया। जर्मनी की टीम ने मैच में 12 पेनल्टी कार्नर हासिल किये जिनमें से एक पर वह गोल करने में सफल रही।
अभी तक अपने सभी मैच जीतने वाली अमेरिका की टीम एक भी पेनल्टी कार्नर हासिल नहीं कर पाई। जर्मनी ने फ्लेशफुट्ज़ के मैदानी गोल की मदद से तीसरे मिनट में ही बढ़त हासिल कर ली थी। उसने अमेरिका पर लगातार दबाव बनाए रखा और पहले क्वार्टर में ही चार पेनल्टी कार्नर हासिल किये, लेकिन वह इनमें से किसी को भी गोल में नहीं बदल पाया।
जिमरमैन ने 20वें मिनट में पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलकर जर्मनी की बढ़त दोगुनी कर दी। इसके दो मिनट बाद जर्मनी को दो और पेनाल्टी कार्नर मिले लेकिन वह इन पर गोल नहीं कर पाया। उसने 26वें मिनट में अपना दसवां पेनल्टी कार्नर हासिल किया था। अमेरिका की टीम ने तीसरे और चौथे क्वार्टर में थोड़ी लय हासिल की लेकिन वह जर्मनी की मजबूत रक्षापंक्ति को भेदने में नाकाम रही।