नई दिल्ली:महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर परमबीर सिंह द्वारा कथित तौर पर वसली कराने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्य सभा में सोमवार को जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई।
लोकसभा में बीजेपी सांसदों की मांग थी कि महाराष्ट्र की महा अघाड़ी सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। बीजेपी की इस मांग के जबाब में शिवसेना सांसदों ने नारेबाजी करते हुये आरोप लगाया कि भाजपा महा अघाड़ी सरकार को षड्यंत्र कर गिराने की साजिश कर रही है।
कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा कि मध्यप्रदेश की तरह भाजपा राज्य सरकार को गिराने की साजिश कर रही है। इधर इस हंगामे के बीच अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर सीधा आरोप लगाया कि उन्हीं के कारण यह पूरा प्रकरण चल रहा है।
नवनीत राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही सचिन वाझे को बहाल किया गया था। राजस्थान के पाली से भाजपा सांसद पी पी चौधरी राज्य सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखने से पहले उनको स्पष्ट किया,उसके बाद पत्र लिखा।
पूनम महाजन ने भी महा अघाड़ी सरकार को तीन पहियों वाली सरकार बताते हुए पूछा कि एक अधिकारी से एक साल में 1200 करोड़ की उगाही कराते हुए एनसीपी कितना पैसा इकठ्ठा करना चाहती है।
पूनम महाजन ने साथ ही पूछा कि आरोप एनसीपी पर है फिर शिवसेना उनके समर्थन में क्यों उतर आई है। मनोज कोटक सहित तमाम भाजपा सांसद भी यही मांग करते रहे कि ठाकरे सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए, उच्च स्तरीय जांच हो और राष्ट्रपति शासन लागू किया जाये।
इस विषय़ पर हंगामा होते देख पीठासीन अधिकारी ने शून्यकाल को बीच में ही रोक कर बीमा संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू करा दी।