पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में होने वाले मतदान के लिए एनडीए और महागठबंधन ने पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों गठबंधन के दिग्गज नेता चुनावी रैली के द्वारा अपने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभाएं कर रहे हैं। सातवें चरण में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, उपेंद्र कुशवाहा, मीसा भारती, सुधाकर सिंह, पवन सिंह सहित कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला एक जून को मतदाता करेंगे। नालंदा, आरा, सासाराम और काराकाट सीट पर एनडीए और इंडी गठबंधन में आमने सामने की लड़ाई है।
वहीं, नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है। नालंदा में जदयू प्रत्याशी कुमार कौशलेंद्र की लड़ाई भाकपा- माले प्रत्याशी संदीप सौरव से है। जबकि आरा लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भाजपा से ताल ठोक रहे हैं। वे इस सीट का पहले भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यहां से वर्तमान सांसद है। यहां लड़ाई इंडी गठबंधन के प्रत्याशी भाकपा-माले के सुदामा प्रसाद से है। उधर, काराकाट लोकसभा सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय है। एनडीए ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर दांव खेला है तो इंडी गठबंधन ने भाकपा-माले के राजाराम सिंह पर दांव लगाया है।
वहीं, भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता पवन सिंह ने यहां से निर्दलीय ताल ठोक कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। जबकि बक्सर लोकसभा सीट एनडीए और इंडी गठबंधन के लिए नाक का प्रश्न बन गया है। यहां से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह राजद के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं। जगदानंद इस सीट से एक बार चुनाव जीत भी चुके हैं। शाहाबाद क्षेत्र की राजनीति में उनका अपना रसूख बताया जाता है।
वहीं, भाजपा ने यहां से केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतारा है। उसी तरह जहानाबाद लोकसभा सीट पर भी लड़ाई तगड़ी है। पिछले चुनाव में दो हजार से कम वोटों से राजद यहां चुनाव हार गया था। यहां से जदयू के चंदेश्वर चंद्रवंशी की लड़ाई राजद सुरेंद्र यादव से है। ऐसे में यहां लड़ाई कांटे की मानी जा रही है। वहीं, पटना साहिब से पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भाजपा ने मैदान में उतारा है। इनकी लड़ाई पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रहीं कांग्रेस नेता मीरा कुमार के बेटे अंशुल अभिजीत से है। जबकि पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी बड़ी बेटी डॉ मीसा भारती को फिर से मैदान में उतारा है।
मीसा भारती लगातार दो बार चुनाव हार चुकी हैं। भाजपा ने कभी लालू के खास रहे रामकृपाल यादव को मैदान में उतारा है। रामकृपाल यहां से वर्तमान सांसद हैं। यहां भी लड़ाई कांटे की मानी जा रही है। ऐसे में एक जून को मतदाता इन सभी के भाग्य का फैसला करेंगे, इससे पहले जनता को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम दलों ने अपने धुरंधर नेताओं को जमीन पर उतार दिया है।