Swati Maliwal Controversy: "बिभव कुमार को जमानत मिली तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा हो सकता है", कोर्ट में रोते हुए बोलीं स्वाति मालीवाल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 27, 2024 02:47 PM2024-05-27T14:47:56+5:302024-05-27T15:00:48+5:30

स्वाति मालीवाल ने दिल्ली की कोर्ट में रोते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी और मुख्य आरोपी बिभव कुमार को जमानत मिली तो उससे उन्हें और उसके परिवार को खतरा हो सकता है।

Swati Maliwal Controversy: "If Bibhav Kumar gets bail, I and my family may be in danger", Swati Maliwal said while crying in the court | Swati Maliwal Controversy: "बिभव कुमार को जमानत मिली तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा हो सकता है", कोर्ट में रोते हुए बोलीं स्वाति मालीवाल

फाइल फोटो

Highlightsअगर बिभव कुमार को जमानत मिली तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा हो सकता हैआम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रोते हुए कोर्ट में कहाबिभव कुमार सामान्य व्यक्ति नहीं हैं, उनको वो सुविधाएं मिलती हैं, जो मंत्रियों को भी नहीं मिलती हैं

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आज दिल्ली की अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी और मुख्य आरोपी बिभव कुमार को अगर जमानत मिलती है तो उससे उन्हें और उसके परिवार को खतरा हो सकता है।

वहीं बिभव कुमार के वकील ने जमानत पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाया है और कहा है कि मुख्यमंत्री के आवास में जबरिया घुसने के लिए 'आप' सांसद की जांच की जानी चाहिए।

समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार राज्यसभा सदस्य और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख सुश्री मालीवाल ने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में आरोप लगाया है कि बिभव कुमार ने 13 मई को मुख्यमंत्री के आवास पर उनके साथ मारपीट की थी। वहीं 'आप' ने पहले कहा था कि मालीवाल ने सीएम केजरीवाल के सहयोगी के साथ "दुर्व्यवहार" किया था क्योंकि वो केजरीवाल के खिलाफ भाजपा की साजिश का हिस्सा थीं।

बिभव कुमार के वकील ने कहा कि उन्होंने स्वाति मालीवाल के खिलाफ सीएम आवास में जबरिया घुसने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। बिभव के वकील ने कहा, "वह सीधे मुख्यमंत्री के आवास में घुस गईं। यह सीएम सुरक्षा का अतिक्रमण है। यह मुख्यमंत्री का घर है, क्या कोई इस तरह आ सकता है? उन्हें बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया था, लेकिन वह अंदर घुस गईं और सुरक्षा घेरे को पार कर गईं। एक सांसद होने के नाते आपको कुछ भी करने का लाइसेंस मिल जाता है। उनके कृत्य के खिलाफ एफआईआर कराई गई है। लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि आखिर दिल्ली पुलिस मामले में किस तरह की जांच कर रही है?"

यह सवाल करते हुए कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर जाने के लिए किसने कहा था, विभव कुमार के वकील ने कहा, "वह अपने मन में कुछ लेकर आई थीं, उन्होंने आने से पहले पूर्वनिर्धारित विचार बनाए थे। वह सुरक्षाकर्मियों से पूछती रहीं कि क्या उन्होंने बिभव कुमार से बात की है।"

जब मालीवाल अंदर आईं, तो बिभव कुमार ने सुरक्षाकर्मियों से पूछा कि उन्हें अंदर क्यों जाने दिया गया, उनके वकील ने पूछा। वकील ने कहा, "उन्हें पूछना होगा, क्योंकि वह मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए जवाबदेह हैं। सुरक्षाकर्मी फिर अंदर गए और पूरे सम्मान के साथ उन्हें बाहर ले गए। वह सामान्य रूप से वहां से बाहर निकल रही थीं। कोई झिझक नहीं देखी गई।"

बिभव कुमार के वकील ने मालीवाल द्वारा पुलिस शिकायत दर्ज करने में देरी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "उसने उस दिन कोई शिकायत दर्ज नहीं की। उसने ऐसा तीन दिन बाद किया। वह डीसीडब्ल्यू प्रमुख थी, वह अपने अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जानती थी। अगर उसके अधिकारों का उल्लंघन हुआ, तो उसे तुरंत शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी। उसमें तीन  दिन की देरी क्यों हुई।“

बिभव कुमार के वकील ने यह भी सवाल किया कि कथित अपराधों के पीछे का मकसद क्या है। वकील ने कहा, "जिस जगह पर घटना हो रही है, उसे देखिए, वहां बहुत सारे लोग हैं। प्रोटोकॉल अधिकारी वहां हैं, सुरक्षा अधिकारी वहां हैं और हर कोई जानता है कि स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार को फोन किया था।"

वकील ने महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से संबंधित आईपीसी की धारा जोड़ने के पुलिस के फैसले पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "उसे निर्वस्त्र करने का कोई इरादा नहीं था। एकमात्र इरादा उसे सीएम आवास में प्रवेश करने से रोकना था। लगाए गए आरोपों से यह नहीं पता चलता है कि उसे निर्वस्त्र करने का कोई इरादा था। जो कुछ भी देखा जा सकता है वह यह है कि हाथापाई के दौरान उसकी शर्ट फट गया था। यह एक आकस्मिक स्थिति है, जो घटित हुई है।''

बिभव कुमार के वकील ने कहा, "पूरी एफआईआर बाद में सोचा गया "विचार" है। मैं केवल जमानत की मांग कर रहा हूं। मैं बरी या आरोपमुक्त करने की मांग नहीं कर रहा हूं बल्कि जमानत की मांग कर रहा हूं। कहानी के अनुरूप सब कुछ पूर्व नियोजित था।"

सुनवाई के दौरान एक समय स्वाति मालीवाल रोने लगीं। वहीं बिभव कुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा, "इस मामले में किसी इरादे की जरूरत नहीं है। आप बिना किसी उकसावे के एक अकेली महिला को पीट रहे हैं। उन्हें घसीटा गया। आप एक महिला को इस तरह से पीट रहे थे कि बटन खुल गए। यहां इरादे की आवश्यकता नहीं है, आप जो कर रहे हैं, वह शील भंग कर सकता है और इसे देखा जाना चाहिए।"

दिल्ली पुलिस के वकील ने बिभव कुमार की इस दलील का जवाब दिया कि मालीवाल उनकी छवि खराब करने की योजना के साथ मुख्यमंत्री आवास पर गयी थीं। उन्होंने, "वह एक मौजूदा सांसद हैं। वह डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष रह चुकी हैं। पार्टी प्रमुख केजरीवाल ने उन्हें लेडी सिंघम कहा है। अब वे कह रहे हैं कि वह बदनाम करने गई थीं? वह कोई स्थायी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। वह पहले से वहां पर थे।"

अदालत में स्वाति मालीवाल ने कहा, "मुझे बुरी तरह पीटा गया। आप नेता कह रहे हैं कि मैं भाजपा का एजेंट हूं। आप के पास सोशल मीडिया ट्रोल्स की एक बड़ी मशीनरी है। अगर यह आदमी बाहर आता है, तो यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है।"

केजरीवाल पर निशाना साधते हुए मालीवाल ने कहा, "मुख्यमंत्री केजरीवाल आरोपी के साथ घूम रहे हैं और उसे लखनऊ और अन्य स्थानों पर ले जा रहे हैं। उनके पास ट्रोल की बड़ी मशीनरी है, सभी पार्टी नेताओं को मेरे खिलाफ खड़े होने की चेतावनी दी गई है। बिभव कुमार सामान्य व्यक्ति नहीं हैं, उनको वो सुविधाएं मिलती हैं, जो मंत्रियों को भी नहीं मिलती हैं। अगर वह बाहर आ गया तो मेरा और मेरे परिवार का जीवन गंभीर खतरे में पड़ जाएगा।''

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बिभव कुमार की जमानत याचिका पर अपना फैसला शाम 4 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

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