पुणेः पुणे कार दुर्घटना मामला में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पहले पुलिस ने कांड किया और अब 'भगवान के दूसरे अवतार' डॉक्टर ने रक्त नमूने को बदल दिया। पुलिस ने कहा कि किशोर के खून का नमूना कूड़ेदान में फेंक दिया गया, उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति का खून का नमूना लिया गया। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि इस मामले में धारा 120 (बी), 467 जालसाजी और 201, 213, 214 सबूत नष्ट करने की धाराएं जोड़ी गई हैं। हमें कल फोरेंसिक रिपोर्ट मिली और यह पता चला है कि ससून अस्पताल में एकत्र किए गए नमूने जिसे वहां के डॉक्टर ने फोरेंसिक में भेजने से पहले सील करके किशोर आरोपी का नाम लिखा था, वह किशोर आरोपी का सैंपल नहीं था। पुलिस ने दावा किया कि ससून अस्पताल के डॉ. तावरे और डॉ. हालनोर के निर्देश पर किशोर के रक्त के नमूने बदले गए।
इसके बाद हमने उन डॉक्टरों को हिरासत में लिया, जिन्होंने इस रिपोर्ट को सील करके फोरेंसिक के पास भेजा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उन्होंने किशोर आरोपी का सैंपल लिया था, लेकिन उसे कूड़ेदान में फेंक दिया था और उसकी जगह किसी दूसरे व्यक्ति का सैंपल लेकर फोरेंसिक को भेज दिया था। जो ससून अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन के एचओडी हैं।
हम उन्हें अदालत में पेश करेंगे और पुलिस हिरासत रिमांड के लिए अनुरोध करेंगे।चूंकि किशोर के रक्त के नमूने बदले गए थे, ससून अस्पताल की जांच रिपोर्ट में शराब के बारे में कोई जिक्र नहीं मिला। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि किशोर के पिता ने रक्त के नमूने बदलने के लिए डॉ तावरे से बात की थी। इस मामले में जांच जारी है कि किस व्यक्ति के खून के नमूने एकत्र किए गए और नाबालिग के रक्त के नमूनों से बदले गए है।