Rajkot Gaming Zone Fire:गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को राजकोट गेमिंग जोन में आग लगने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई, जिसमें कई बच्चों सहित 28 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले पर जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवन एम देसाई ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस ने कहा कि हमें राज्य सरकार पर और भरोसा नहीं कर सकते हैं, ऐसा बात इसलिए कही क्योंकि दो बड़े गेमिंग जोन बिना परमिट के जिले में ऑपरेट थे।
उच्च न्यायालय ने भी राजकोट नगर निगम को भी लताड़ा और कहा कि क्या आपको ये नहीं दिख रहा था कि पिछले 24 महीने से बिना लाइसेंस ये बड़े गेमिंग जोन चल रहे थे। न्यूज चैनल के मुताबिक, कोर्ट ने निगम से पूछा, इसे चलते हुए करीब ढाई साल हो गए, हम ये मान लें कि आपने आंखें मूंद लीं? आप और आपके अनुयायी क्या करते हैं?
इससे पहले रविवार को हाईकोर्ट ने इस केस पर खुद से स्वत: संज्ञान लेते हुए राजकोट गेमिंग जोन पर सुनवाई की और इसे मानव द्वारा घटित आपदा घोषित की। रिपोर्ट के अनुसार, गेमिंग जोन ऑपरेटर्स ने नगर निगम से जरूरी और आवश्यक परमिट नहीं लिए थे।
शनिवार शाम खेल क्षेत्र में भीषण आग लगने से नौ बच्चों सहित 28 लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद, गुजरात सरकार ने घटना की जांच करने और तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया।