बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और सेक्स स्कैंडल में फंसे हासन के जेडीएस सासंद प्रज्वल रेवन्ना के चाचा ने कहा है कि वह राज्य के सिद्धारमैया सरकार द्वारा सांसद भतीजे रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए केंद्र से किये गये अनुरोध का समर्थन करते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कुमारस्वामी ने बीते रविवार को कहा, "हम रेवन्ना के पासपोर्ट रद्द किया जाने के राज्य सरकार के अनुरोध का समर्थन करते हैं। अगर केंद्र प्रज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का फैसला करता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।"
हालांकि, जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने मामले में "केंद्र की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं" देने का आरोप लगाने के लिए सूबे के गृह मंत्री जी परमेश्वर की आलोचना की है और कहा है कि राज्य के गृह मंत्री होने के नाते उन्हें इस मामले में पालन किये जाने वाले प्रोटोकॉल के बारे में पता होना चाहिए।
कर्नाटक सरकार ने विदेश मंत्रालय से भगोड़े सांसद प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द करने और उनके प्रत्यर्पण के साथ गिरफ्तारी की मांग की है।
कुमारस्वामी ने कहा, "क्या गृह मंत्री प्रोटोकॉल जानते हैं या नहीं? इसमें कानूनी और प्रोटोकॉल हैंस जिनका पालन किया जाना चाहिए। 24 घंटे में तुरंत रद्द करना संभव नहीं है। उसके लिए पूरी प्रक्रिया मौजूद है।"
परमेश्वर ने हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान पर कटाक्ष किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेश मंत्रालय को 21 मई को ही कर्नाटक सरकार से प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट जब्त करने का अनुरोध मिला है।
कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा, "इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय कार्यालय को सूचित नहीं किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक पत्र लिखा था। हमारे सीएम द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का क्या हुआ?"
जयशंकर ने एएनआई को दिये इंटरव्यू में प्रक्रियात्मक पहलुओं को स्पष्ट करते हुए कहा, "पासपोर्ट को जब्त करना पासपोर्ट अधिनियम से शासित होता है। हमें ऐसा करने के लिए न्यायिक अदालत या पुलिस अनुरोध की आवश्यकता है। विदेश मंत्रालय को कर्नाटक सरकार से 21 मई को केवल पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध मिला है।"
कानूनी प्रक्रियाओं के पालन पर प्रकाश डालते हुए जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश मंत्री ने अनुरोध प्राप्त होने पर तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने कहा, "हमने 23 मई को तुरंत इस पर कार्रवाई की। लेकिन उसके लिए हमें एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा और प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।"
हालांकि, परमेश्वर ने कहा कि उन्हें इस मामले में विदेश मंत्रालय से कोई लिखित सूचना नहीं मिली है।
मालूम हो कि रेवन्ना को उनके घर में काम करने वाली एक महिला की शिकायत के बाद यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोपों पर कर्नाटक सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच का सामना करना पड़ रहा है।
सिद्धारमैया ने 1 मई और 23 मई को पीएम मोदी को पत्र लिखकर हसन सांसद के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह किया, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगने के बाद यूरोप चले गए थे।
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कर्नाटक के सीएम ने कहा कि यह शर्मनाक है कि प्रज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल, 2024 को अपने जघन्य कृत्यों की खबर सामने आने के तुरंत बाद राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग करके देश छोड़कर जर्मनी चले गए। जबकि उनके खिलाफ आरोपों के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है।