पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव ने बीते रविवार को महंगाई और गरीबी जैसे वास्तविक मुद्दों पर बात करने में विफल रहने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि लोग अब भाजपा के ''झूठ और भ्रम'' से आजादी चाहते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार तेजस्वी यादव ने पटना में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "बीजेपी किसी काम के बारे में बात नहीं करती है। उसे काम के बारे में बात करनी चाहिए, बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए। उन्हें इस बारे में बात करनी चाहिए कि निवेश कैसे हो सकता है। कैसे बिहार में फैक्ट्रियां खोली जा सकती हैं, कैसे पलायन रोका जा सकता है, जनता अब भाजपा के झूठ और भ्रम से मुक्ति चाहती है।''
राजद नेता ने जेल भेजने संबंधी बयान देने पर भी पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री हार के डर से अब चुनावी रैलियों में मुझे जेल भेजने की तारीख की घोषणा कर रहे हैं। वह उस युवा को जेल भेजने की बात कर रहे हैं, जो रोजगार देने की बात करता है। यह प्रधानमंत्री का सार्वजनिक कबूलनामा है कि वो जांच एजेंसियों को अपना खिलौना मानते हैं। उनके कहने का मतलब है कि ईडी और सीबीआई उनकी कठपुतली हैं।''
यादव ने आगे कहा, "पीएम मोदी जब चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें किसी भी विपक्षी नेता को मनगढ़ंत और काल्पनिक मामले में जेल भेज सकते हैं।"
इसके साथ तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी संविधान को नष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "क्या प्रधानमंत्री संविधान और लोकतंत्र को नष्ट करना चाहते हैं ताकि जो कोई भी उनकी बात नहीं मानेगा, जो उनके झूठ का विरोध करेगा, जो उनकी विफलताओं को उजागर करेगा उन्हें सीधे जेल भेज दिया जाएगा? क्या यह प्रधानमंत्री द्वारा संविधान को नष्ट करने की सीधी स्वीकारोक्ति नहीं है।“
इससे पहले दिन में तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि नरेंद्र मोदी ने जनता से कई आधारहीन, तथ्यहीन और झूठी बातें कही हैं। आगे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने अपने पत्र में कहा, "क्या इस बड़े दिल वाले देश के प्रधानमंत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए?"
उन्होंने पत्र में कहा, "आज आप बिहार आए और यहां आकर जितनी बेबुनियाद, तथ्यहीन और झूठी बातें कह सकते थे, कही। अब आपसे ये उम्मीद नहीं है कि आप अपने पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए चर्चा को तूल देंगे। लेकिन आज आप ''मुजरा'' और ''मंगलसूत्र'' की शब्दावली पर आ गए हैं, सच कहूं तो हमें आपकी चिंता हो रही है। क्या इस बड़े दिल वाले देश के प्रधानमंत्री की भाषा ऐसी होनी चाहिए, आप सोचें और फैसला करें।''
यह घटनाक्रम तब हुआ जब पीएम मोदी ने शनिवार को बिहार में एक रैली में कहा कि वह बिहार, एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को गारंटी दे रहे हैं कि जब तक मोदी जीवित हैं, वह उन्हें उनके अधिकार छीनने नहीं देंगे।
पीएम मोदी ने कहा, "मोदी के लिए संविधान सर्वोच्च है, मोदी के लिए, बाबासाहेब अम्बेडकर की भावनाएँ सर्वोच्च हैं। अगर इंडिया गठबंधन अपने वोट बैंक की दासता स्वीकार करना चाहता है, तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे 'मुजरा' करना चाहते हैं तो करने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं अभी भी एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण के साथ दृढ़ता से खड़ा रहूंगा।''