जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से अपने साथी ओलंपियन और भाजपा उम्मीदवार राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं कृष्णा पूनिया का कहना है कि राजनीति खेल से अलग है और इसमें नतीजे हमेशा ही लोगों के हाथों में होते हैं।
राष्ट्रमंडल खेल 2010 में चक्का फेक (डिस्कस थ्रो) में स्वर्ण पदक विजेता और कांग्रेस उम्मीदवार कृष्णा के लिये खेल में निश्चित घंटों का प्रशिक्षण और राजनीति में 24 घंटे, सातों दिन काम करना बिल्कुल अलग बातें हैं। सारदुलपुर से मौजूदा विधायक पूनिया ने 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में इस सीट पर जीत हासिल की थी।
फिलहाल वह जयपुर ग्रामीण से भाजपा सांसद और केन्द्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ किस्मत आजमा रही हैं। इस सीट पर छह मई को मतदान होना है। पूनिया ने कहा, "राजनीति, खेल की तुलना में अलग है। खेल में परिणाम आपके हाथों में होते हैं। इसमें आप खुद को प्रशिक्षित कर सकते हैं और अपनी ताकत का आकलन कर सकते हैं लेकिन राजनीति में ऐसा नहीं हैं क्योंकि इसमें परिणाम लोगों के हाथों में होते हैं और भावनाएं ही सबकुछ होती हैं।"
पूनिया (42) ने कहा, "जब भी मैंने खेलों में देश के लिए पदक और ख्याति प्राप्त की, मुझे एक उच्च स्थान मिला। अब यह एक अलग भावना है। एक राजनीतिज्ञ होने और लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं का ख्याल रखना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।" पूनिया के लिये यह चुनाव एक मुश्किल चुनौती है क्योंकि जिस जयपुर ग्रामीण सीट से वह चुनाव लड़ रही हैं, वहां से बड़ी संख्या में लोग सेना में भर्ती होते हैं जिसकी वजह से भाजपा की राष्ट्रवाद की धारणा यहां हावी है।
हालांकि पूनिया को उम्मीद है कि वह विकास के मुद्दों को आगे करके इस धारणा को पीछे धकेल सकती हैं। इसके लिये वह भाजपा पर अपनी "नाकामियों को छिपाने" के लिये सेना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नौकरियां गंवाने, कालाधन वापस लाकर हर किसी के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये डालने के मुद्दे पर नाकामी के चलते लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। हम, लोगों का ध्यान फिर से मूल मुद्दों की ओर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
यहां के लोग मौजूदा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से काफी नाराज हैं। उन्होंने यहां खेल का एक स्टेडियम, स्कूल और अन्य बुनियादी सुविधाओं का वादा किया था, लेकिन वह कोई वादा पूरा नहीं कर सके। जयपुर ग्रामीण के लिए सांसद निधि की लगभग 42 प्रतिशत धनराशि समाप्त हो गई है। हम इसपर जवाब चाहते हैं।"
जयपुर ग्रामीण सीट इससे पहले दौसा का हिस्सा थी, जहां से कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेश पायलट चुनाव लड़ते थे। पिछले दो चुनावों में यहां एक बार कांग्रेस ने और एक बार भाजपा ने जीत दर्ज की है।