Coronavirus के खिलाफ 16 जनवरी से देशभर में टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है. इससे पहले सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि गर्भवती महिलाओं को टीका नहीं लगाया जाएगा. इसके अलावा बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को भी टीका ना लगवाने की सलाह दी गई है. चलिए आपको बताते है क्या है कारण ? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया, 'कोविड-19 टीकों को बच्चे, गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाएं न लगवाएं, क्योंकि इन पर किसी भी कोरोना वायरस के टीके (Corona Vaccine) का क्लिनिकल ट्रायल नहीं किया गया है.' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है. मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है, 'बच्चों, गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को अभी तक किसी भी टीके के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा नहीं बनाया गया है. इसलिए गर्भवती या गर्भवती होने को लेकर अनिश्चित महिलाएं इस समय कोविड-19 टीके न लगवाएं.'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे. पीएमओ ने बयान जारी कर बताया, 'पीएम नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को सुबह 10.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे. यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा.' सरकार की ओर से कोविड-19 महामारी, टीकाकरण और इसके डिजिटल प्लेटफॉर्म से संबंधित सवालों के समाधान के लिए 24 घंटे और सातों दिन संचालित होने वाले कॉल सेंटर और हेल्पलाइन 1075 स्थापित की गई है. इस कार्यक्रम से सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 स्थान डिजिटल माध्यम से जुडेंगे और हर केंद्र पर 100 लाभार्थियों का टीकाकरण होगा. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संवाद भी कर सकते हैं. बता दें कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने को सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 15,590 नए मामले सामने आए हैं. पिछले 24 घंटों में 15,975 मरीज ठीक हुए हैं. इस दौरान 191 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है.