''अखिलेश पिता-चाचा की नहीं सुनते तो देश की क्या सुनेंगे'' समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कोरोना वायरस के टीके (Corona Vaccine) को लेकर दिए गए बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अखिलेश यादव पर हमलावर हैं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने पलटवार में बोला कि जब अखिलेश यादव ने अपने पिता और चाचा की नहीं सुनी, तो देश की क्या सुनेंगे। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से जब पूछा गया कि अखिलेश यादव ने कहा है कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे तो उन्होंने कहा, ''हम उन्हें गुमराह हुए युवक भी नहीं बोल सकते हैं। जब उन्होंने कभी भी अपने पिता और चाचा की नहीं सुनी, तो देश की क्या सुनेंगे? यह तुष्टिकरण की राजनीति है। वैक्सीन पर अफवाह फैलाना ठीक नहीं है।'' याद दिला दें कि अखिलेश यादव ने शनिवार को कोरोना वैक्सीन को भाजपा का टीका बताते हुए कहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी का कोरोना टीका नहीं लगवाएंगे और उनकी सरकार आने पर सभी को नि:शुल्क टीका लगेगा।अखिलेश ही नहीं कांग्रेस ने भी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन ने अभी फेज 3 का ट्रायल पूरा नहीं किया है। ऐसे में यह अप्रूवल अपरिपक्वता में दिया गया है और यह घातक हो सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन से इस बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा है। उन्होंने सरकार से ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सही मानकर उसी पर काम करने की मांग की।वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने भी वैक्सीन की मंजूरी पर सवाल उठाए। कोवैक्सीन पर सवाल उठाते हुए रमेश ने स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी देने के लिए सरकार ने क्यों अंतरराष्ट्रीय मानकों को नजरअंदाज किया। सरकार की तरफ से इसपर स्पष्टीकरण देना जरूरी है।विपक्ष द्वारा वैक्सीन को लेकर जारी सियासत के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेताओं को करारा जवाब दिया है। जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी को भी भारतीय उपलब्धि पर गर्व नहीं होता है। उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि COVID-19 वैक्सीन पर उनके झूठ का इस्तेमाल निहित स्वार्थी समूहों द्वारा अपने एजेंडे के लिए कैसे किया जाएगा। भारत के लोग इस तरह की राजनीति को खारिज करते रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे। COVID-19 महामारी के भारत में आने के एक साल के भीतर, हमारे वैज्ञानिकों ने वैक्सीन के लिए कड़ी मेहनत की है। पूरा देश इस उपलब्धि से खुश है, लेकिन विपक्ष और खासकर कांग्रेस का नेतृत्व इसको लेकर क्रोध, उपहास और तिरस्कार से भरा है।उधर, अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव को टीके पर भरोसा नहीं है और यह देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का अपमान है। उन्होंने कहा, ''अखिलेश यादव जी को टीके पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेश वासियों को उनपर (अखिलेश यादव) भरोसा नहीं है। उनका टीके पर सवाल उठाना, हमारे देश के चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों का अपमान है जिसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए।'' मौर्य ने कहा कि जो मुख्यमंत्री के पद पर रहा हो, उसे इस प्रकार का बयान देने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए।