97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सरकार ने 65,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया, अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 12, 2024 05:51 PM2024-04-12T17:51:20+5:302024-04-12T17:52:49+5:30
भारतीय वायु सेना ने पहले ही 83 एलसीए विमानों की आपूर्ति के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। अब 65,000 करोड़ रुपये में 97 और विमान खरीदने के लिए टेंटर जारी हो गया है।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने भारत में निर्मित 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू जेट खरीदने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाला टेंडर जारी किया है। यह भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला स्वदेशी सैन्य साजोसामान का अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर होगा। रक्षा मंत्रालय की ओर से हाल ही में एचएएल को टेंडर जारी किया गया है और उन्हें इसका जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि यह कार्यक्रम भारतीय वायुसेना को मिग-21, मिग-23 और मिग-27 के अपने बेड़े को बदलने में मदद करेगा। इन विमानों में से कुछ को सेवा से हटा दिया गया है और कुछ को निकट भविष्य में चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना है। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत रक्षा मंत्रालय और वायुसेना मुख्यालय पूरी तरह से देशी लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों के लिए स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ देश भर में रक्षा व्यवसाय में लगे छोटे और मध्यम उद्यमों को एक बड़ा बढ़ावा देने वाला है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एचएएल के पुनरुद्धार पर जोर दे रहे हैं और हाल ही में पीएम ने स्वदेशी लड़ाकू विमान के ट्रेनर संस्करण में भी उड़ान भरी थी। यह किसी भी लड़ाकू विमान में भारत के प्रधान मंत्री द्वारा पहली बार उड़ान भरी गई थी। 97 एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट हासिल करने की योजना की घोषणा सबसे पहले वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्पेन की विदेशी धरती पर की थी। उन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान ऑर्डर को बढ़ावा देने की मेगा योजनाओं के बारे में बताया था।
बता दें कि भारतीय वायु सेना ने पहले ही 83 एलसीए विमानों की आपूर्ति के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। अब 65,000 करोड़ रुपये में 97 और विमान खरीदने के लिए टेंटर जारी हो गया है। एलसीए मार्क 1 विमान को 2016 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और उनके दो स्क्वाड्रन फिलहाल सेवा में हैं। एलसीए मार्क-1ए इसी का उन्नत वर्जन है।
आने वाले समय में एलसीए तेजस विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ होंगे। भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही मूल आईओसी और एफओसी संस्करण के 40 एलसीए थे। इसके बाद 83 एलसीए मार्क 1 विमानों का ऑर्डर दिया गया और अब 97 एलसीए मार्क-1ए की खरीद को भी मंजूरी मिल गई है। इस तरह वायु सेना में कुल 220 तेजस विमान हो जाएंगे। ये वायु सेना के लगभग दस स्क्वाड्रन को सुसज्जित करेंगे।
‘तेजस एमके-1ए’ का 28 मार्च को सफल परीक्षण किया गया। तेजस एमके-1ए में पिछले विमान की तुलना में कई अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक तेजस लड़ाकू विमान चीन-पाकिस्तान के संयुक्त उद्यम में बने लड़ाकू विमान जेएफ-17 से हाईटेक और बेहतर है और यह किसी भी हथियार की बराबरी करने में सक्षम है। एक तेजस मार्क 1ए लड़ाकू विमान की कीमत करीब 550 करोड़ रुपए है, जो एचएएल द्वारा ही निर्मित सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से करीब 120 करोड़ रुपए ज्यादा है।