टोक्यो ओलंपिकः एक स्वर्ण, दो सिल्वर और 4 कांस्य पदक, नया इतिहास रचा, देखें तस्वीरें By सतीश कुमार सिंह | Published: August 07, 2021 7:02 PMOpen in App1 / 7टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा, यह अविश्वसनीय है, मेरे और देश के लिये गौरवशाली क्षण है। चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक खेलों में शनिवार को भाला फेंक का स्वर्ण पदक अपने नाम करके भारत को ओलंपिक ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं में अब तक का पहला पदक दिलाकर नया इतिहास रचा।2 / 7मीराबाई चानू ने 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर ओलंपिक खेलों में भारत के भारोत्तोलन पदक के 21 साल के इंतजार को खत्म किया और देश का खाता खोला। छब्बीस साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया था।3 / 7 भारतीय पहलवान रवि दहिया ऐतिहासिक स्वर्ण पदक से चूक गये और उन्हें तोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रूसी ओलंपिक समिति के जावुर युवुगेव से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। युवुगेव ने अपने बेहतरीन रक्षण का नजारा पेश किया और अंकों के आधार पर यह मुकाबला 7-4 से जीता।4 / 7बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। सिंधु दो ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बन गई हैं। 2016 के रियो ओलपिंक में रजत पदक जीता था। पहलवान सुशील कुमार पहले भारतीय हैं जिन्होंने दो ओलंपिक मेडल जीते हैं। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था।5 / 7भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।6 / 7भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया भले ही स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाये हों लेकिन उन्होंने शनिवार को यहां कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराकर तोक्यो ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीत लिया। भारत ने इस पदक से किसी एक ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की।7 / 7आखिरी चंद सेकंड में जर्मनी को मिले पेनल्टी कॉर्नर को ज्यों ही गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने रोका, भारतीय खिलाड़ियों के साथ टीवी पर इस ऐतिहासिक मुकाबले को देख रहे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गई। आखिर इंतजार 41 साल का था और अतीत की मायूसियों के साये से निकलकर भारतीय हॉकी टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया। जर्मनी पर 5.4 से मिली इस रोमांचक जीत के कई सूत्रधार रहे जिनमें दो गोल करने वाले सिमरनजीत सिंह ((17वें मिनट और 34वें मिनट) हार्दिक सिंह (27वां मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) तो थे ही लेकिन आखिरी पलों में पेनल्टी बचाने वाले गोलकीपर श्रीजेश भी शामिल हैं । भारतीय टीम 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीती है। और पढ़ें Subscribe to Notifications