Lumpy Virus: क्या पी सकते हैं लंपी रोग से पीड़ित पशु के दूध, जानें एक्सपर्ट ने क्या कहा By संदीप दाहिमा | Published: September 14, 2022 4:37 PMOpen in App1 / 6लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) से संक्रमित पशु के दूध का सेवन करना सुरक्षित है, क्योंकि यह संक्रमण पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। एलएसडी नामक बीमारी गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा समेत दर्जनभर से ज्यादा राज्यों में फैल चुकी है। 2 / 6पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 197 जिलों में 16.42 लाख पशु इससे संक्रमित हो चुके हैं और जुलाई से 11 सितंबर 2022 के बीच 75 पशुओं की मौत हो चुकी है। एलएसडी एक संक्रामक रोग है, जिसमें पशुओं में बुखार और त्वचा पर दाने निकलने जैसे लक्षण पनपते हैं तथा उनकी मौत भी हो सकती है। यह बीमारी संक्रमित मच्छरों, मक्खियों, जूं और अन्य कीटों के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। दूषित भोजन-पानी और हवा के माध्यम से भी यह रोग फैलता है। 3 / 6संक्रमित पशुओं से मिलने वाले दूध की गुणवत्ता और सुरक्षा पर आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार मोहंती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि एलएसडी जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग नहीं है। उन्होंने कहा, “संक्रमित पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध का सेवन किया जा सकता है।4 / 6दूध को आप अच्छे से उबालकर या फिर बिना उबाले पिएं, उसकी गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता।” मोहंती ने कहा कि संक्रमित पशु में दूध उत्पादन प्रभावित हो सकता है और यह बीमारी की गंभीरता तथा पशु के प्रतिरक्षा तंत्र पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर दूध के उत्पादन पर असर पड़ सकता है, लेकिन देशभर में इस संक्रमण के प्रसार से जुड़े पुख्ता आंकड़ों के बिना राष्ट्रीय स्तर पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।5 / 6मोहंती ने कहा, “जब पशु संक्रमित होते हैं, तब बुखार और अन्य लक्षणों से वे कमजोर हो जाते हैं। इससे दूध के उत्पादन पर गंभीर असर पड़ता है। जब रोगग्रस्त पशु मर रहा होता है, तब उसकी पूरी शारीरिक क्रिया प्रभावित होती है।” उन्होंने कहा कि यदि पशु को समय पर टीका दिया गया हो तो बीमारी और दूध उत्पादन पर लंपी रोग के असर को कम किया जा सकता है। एलएसडी रोधी टीकाकरण पर मोहंती ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अभी तक राज्यों में ‘गोट पॉक्स’ टीका दिया जा रहा है। 6 / 6उन्होंने कहा कि एक नया टीका विकसित किया गया है और नियामक एजेंसियों द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह उपलब्ध हो सकेगा। आईवीआरआई में ‘गोट पॉक्स’ टीके पर काम कर रहे वैज्ञानिक अमित कुमार ने कहा कि यह टीका पशुओं में एलएसडी को फैलने से रोकने में कारगर साबित हुआ है। और पढ़ें Subscribe to Notifications