Benefits Of Chirata: चिरायता शरीर के त्रिदोष वात, पित्त, कफ को करता है संतुलित, डायबिटीज के साथ अन्य कई बीमारियों में है राम बाण, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 16, 2024 06:47 AM2024-04-16T06:47:05+5:302024-04-16T06:47:05+5:30

आयुर्वेद में चिरायता को ऐसे दिव्य जड़ी बूटी होने का गौरव प्राप्त है, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से मलेरिया, मधुमेह और लिवर की बीमारियों का इलाज किया जाता है।

Benefits Of Chirata: Chirata balances the tridosha of the body, Vata, Pitta and Kapha, it is a panacea for diabetes and many other diseases, know what Ayurveda says | Benefits Of Chirata: चिरायता शरीर के त्रिदोष वात, पित्त, कफ को करता है संतुलित, डायबिटीज के साथ अन्य कई बीमारियों में है राम बाण, जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

फाइल फोटो

Highlightsचिरायता का प्रयोग मलेरिया, मधुमेह और लिवर की बीमारियों का इलाज किया जाता हैचिरायता जितना कड़वा होता है, रोगों से लड़ने में भी उतना ही फायदेमंद भी होता हैचिरायता के कई स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे 'मेजिक हर्ब' या 'जादुई जड़ी-बूटी' कहा जाता है

Benefits Of Chirata: आयुर्वेद में चिरायता को ऐसे दिव्य जड़ी बूटी होने का गौरव प्राप्त है, जिसका उपयोग पारंपरिक रूप से मलेरिया, मधुमेह और लिवर की बीमारियों का इलाज किया जाता है। हालांकि कई लोग चिरायता के कड़वे स्वाद के कारण इसका सेवन नहीं करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि चिरायता जितना कड़वा होता है, रोगों से लड़ने में भी उतना ही फायदेमंद भी होता है।

चिरायता के कई स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे 'मेजिक हर्ब' या 'जादुई जड़ी-बूटी' कहा जाता है। चिरायता का वैज्ञानिक नाम स्वेर्टिया चिराता है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कई प्रकार की औषधियों को बनाने में किया जाता है। इसका पौधा बाजार में आसानी से मिल जाता है।

चिरायता में एंटी ऑक्सीडेंट्स, अल्केलॉइड्स और ग्लायकोसाइड्स जैसे झेंथोन्स, चिराटानिन, पालमिटिक एसिड आदि पाया जाता है। जिसके कारण चिरायता सर्दी-खांसी से लेकर लीवर के रोगों को ठीक करने में प्रयोग किया जाता है।

कोविड-19 महामारी में लोगों का झुकाव आयुर्वेद की ओर हुआ है, जिसके बाद चिरायता काफी चर्चा में आ गया है। अगर संक्रमण के इस दौर में आप अपने रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाना चाहते हैं तो चिरायता को अपनी डाइट चार्ट में जरूर शामिल करें। आयुर्वेद कहता है कि चिरायता शरीर के त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के संतुलन को बनाए रखने में बेहद कारगर है।

चिरायता के फायदे

चिरायता डायबिटीज को कंट्रोल करता है

चिरायता हाइपोग्लाइकेमिक है, जो कि ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। चिरायता इंसुलिन के प्रोडक्शन को तेज करता है और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। यह स्टार्च के ग्लूकोज में टूटने को कम करने में मदद करता है, जो बदले में डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करता है। इस तरह ये डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है।

चिरायता एसिडिटी में राहत देता है

चिरायता पाचन गुण इसे सभी पाचन समस्याओं के लिए एक अचूक समाधान बनाते हैं। ये एलिमेंटरी कैनाल में गैस के निर्माण को कम करता है, इस प्रकार पेट फूलना, कब्ज और सूजन में कमी लाता है। ये जड़ी बूटी एंटासिड की तरह भी काम करता है और पेट में अत्यधिक एसिड के गठन को रोकता है, जिससे अपचन, अल्सर, गैस्ट्र्रिटिस का इलाज होता है और शरीर में पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को बढ़ावा मिलता है।

लीवर की समस्याओं में

चिरायता हमें लीवर की विभिन्न समस्याओं से लड़ने में भी मदद करती है. फैटी लीवर, सिरोसिस और कई अन्य लीवर से संबंधित बीमारियों को चिरायता लीवर की कोशिकाओं को रिचार्ज करके दूर करता है. चिरायता को एक अच्छा लीवर डिटॉक्सीफायर माना जाता है और ये लीवर की कोशिकाओं के काम-काज को उत्तेजित करती है।

ब्रेन के लिए फायदेमंद

चिराता स्वर्टियामार्टिन नामक एक मेटाबोलाइट का उत्पादन करता है, जो कि तनाव और चिंता को कम करने में मददगार है। ये सेंट्रल नर्वस सिस्टम की समस्याओं में प्रभावी है और ब्रेन के कामकाज को ठीक करने में मददगार है।

(यह लेख विभिन्न शोध पर आधारित है। कृपया किसी प्रतार का इलाज आयुर्वेदाचार्य की सलाह से करें।)

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