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केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने दिया चौंकाने वाला बयान, कहा-लोकसभा चुनाव के बाद देश को नहीं मिलेगी स्थिर सरकार

By भाषा | Published: January 18, 2019 5:31 AM

सिन्हा ने यहां सीएनबीसी टीवी 18 के इंडिया बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘यदि हम ऐसी स्थिति में पहुंचते हैं जहां हमें मजबूत और स्थिर सरकार नहीं मिलती है, और जिसकी मुझे काफी संभावना लगती है, मेरा मानना है कि यह आगे चलकर भारत के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी।’’ 

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केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस बात की ‘काफी संभावना’ है कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश को संभवत: एक मजबूत और स्थिर सरकार नहीं मिल पाएगी। मंत्री ने कहा कि देश में बदलाव आया है और अब प्राथमिकता लोगों को जो बदलाव देश में आया है उसके बारे में बताने की है। 

सिन्हा ने यहां सीएनबीसी टीवी 18 के इंडिया बिजनेस लीडरशिप पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘यदि हम ऐसी स्थिति में पहुंचते हैं जहां हमें मजबूत और स्थिर सरकार नहीं मिलती है, और जिसकी मुझे काफी संभावना लगती है, मेरा मानना है कि यह आगे चलकर भारत के लिए अच्छी स्थिति नहीं होगी।’’ 

सिन्हा ने कहा, ‘‘हमारे लिये लक्ष्य यह होना चाहिये कि हम लोगों को अवगत करायें। यह सुनिश्चित करें कि लोग समझ सकें कि हमने क्या किया है और बाद में आशंका को देखते हुये क्या कुछ जोखिम में आ सकता है।’’ 

सिन्हा का यह बयान तब आया है जबकि पिछले महीने ही भाजपा को तीन बड़े हिंदी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवानी पड़ी थी। 

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते उद्योगपति सज्जन जिंदल ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष सबसे बड़े आसन्न जोखिमों में से है। नई सरकार के उम्मीदों के बारे में जिंदल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का प्रभुत्व कम होगा। 

उनकी राय से सहमति जताते हुए बैंकर उदय कोटक ने कहा कि हमें वित्तीय क्षेत्र के बारे में नए सिरे से सोचना होगा। अगली सरकार को गंभीरता से इस बात पर विचार करना होगा कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकारी स्वामित्व की स्थिति को कैसे बेहतर तरीके से रखा जाए। 

हालांकि, उन्होंने तुरंत अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह सार्वजनिक स्वामित्व निजी क्षेत्र को देने की वकालत नहीं कर रहे हैं। बल्कि चाहते हैं कि स्वामित्व को इस तरह से व्यापक किया जाए जिससे कंपनियों में आम जनता की हिस्सेदारी बढ़ सके। 

कोटक ने कहा कि भारतीय रिजर्व को रेपो दर में आधा प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कटौती होनी चाहिए।

टॅग्स :जयंत सिन्हालोकसभा चुनाव
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